रोगियों के लिए वरदान है केला

6 Good Reasons to Eat a Banana Today

संस्कृति, सभ्यता और आर्थिक दशा से जुड़े केला का भारतीयता से गहरा संबंध है। यह न सिर्फ एक पौष्टिक फल है बल्कि प्रमुख आहार भी है। यही वजह है कि अब इसे व्यावसायिक रूप में अपनाया जाने लगा है। किसान इसकी खेती कर अपनी माली हालत सुधार रहा है तो व्यवसायी द्वारा व्यापार कर आय अर्जित किया जा रहा है।
डीआरडीओ के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार द्विवेदी की मानें तो आदिकाल से भारतीयों से जुड़े केले में पाई जाने वाली पौष्टिक इसे गुणकारी बनाता है। औषधीय गुण इसे स्वास्थ्यवर्धक भी बनाता है। बच्चों और मधुमेह रोगियों के लिए केले को बहुत उपयोगी बताया गया है। इसके फूल का सेवन कर मधुमेह रोगी निरोग रह सकते हैं तो इसके उपयोग से बने खाद्य पदार्थ शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा करने में सहायक है।
केला है गुणों की खान
-पोषक तत्वों से भरपूर केला में गेहूँ से 15 गुना अधिक ऊर्जा (कैलोरी) मिलती है।
-नर पौधे के फूल के रस से पेट के विकारों से मुक्ति मिलती है।
-शिशुओं के लिए फायदेमंद है।
-विटामिन ए, बी-1, बी-2 और सी का प्रमुख स्रोत है।
-कुपोषण एवं प्रोटीन की कमी से उत्पन्न विकारों को दूर करने में सक्षम है।
-पेट की अम्लता और कीड़े की समस्या को दूर करता है।
-मधुमेह रोगियों के लिए फूल का सेवन लाभप्रद है। दस्त की समस्या भी दूर होती है।
यह बनाता है उत्पाद
-अचार, प्यूरी, चटनी
-शिशु आहार, स्टार्च, टॉफी, जैम, बिस्कुट
-मुरब्बा, फ्रूट बार, पापड़, चिप्स पाउडर, आरटीएस (पेय)
-जूस, फ्लैक्स, डिब्बा बंद टुकड़े (स्लाइस), फिग्स, आटा, सुवास (एसेंस)
-सिरका, सुरा (एल्कोहलिक पदार्थ), केले के फूलों से बना ठोक्कू
मिलते हैं पोषक तत्व
-पानी 70.00 प्रतिशत
-कार्बोहाइड्रेट 27.00 प्रतिशत
-रेशा 00.50 प्रतिशत
-प्रोटीन। 01.20 प्रतिशत
-वसा। 00.30 प्रतिशत
-कैल्शियम 80.00 पीपीएम
-फास्फोरस 290.00 पीपीएम
-लोहा 06.00 पीपीएम
-कैरोटिन 02.40 पीपीएम
-थायमीन 00.50 मिग्रा./100 ग्राम
-राइबोफ्लेविन 00.50 मिग्रा./100 ग्राम
-नियासिन 07.00 मिग्रा./100 ग्राम
-एस्कार्बिक एसिड 20.00 मिग्रा./100 ग्राम
-ऊर्जा 87-137 कैलोरी/100 ग्राम
-अन्य 00.90 प्रतिशत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *