मोदी की ‘अनूठी शैली ’ के दावाेस में सब हुए कायल

दावोस| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के शीर्ष कारोबारियों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान अपनी ‘अनूठी शैली’ और घनिष्ठता से सबका मन मोह लिया। साथ ही उनके समक्ष वैश्विक स्तर पर निवेश और कारोबार के उत्साहजनक अवसर प्रस्तुत किए। इस गोल मेज वार्ता में वैश्विक कंपनियों के 40 से ज्यादा और भारत के 20 सीईओ मौजूद थे। गोल मेज वार्ता का सूत्र वाक्य ‘इंडिया मीन्स बिजनेस (भारत यानी कारोबार की सुगमता)’ था। इस बैठक में भाग लेने वाले महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया,“ सीईओ के सम्मान में दिए गए रात्रिभोज में प्रधानमंत्री (श्री मोदी) ने प्रत्येक सीईओ की बात का जवाब दिया। विदेशी सीईओ सहित बैठक में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के साथ वह व्यक्तिगत रूप से जुड़ गए। ऐसी अनूठी शैली प्राय: दावोस में देखने को नहीं मिलती।”
श्री महिंद्रा ने कहा,“श्री मोदी के संबोधन की अब और अधिक प्रतीक्षा और उम्मीदें होंगी। आपने (मोदी) अपने बेहतरीन का प्रदर्शन कर हमें गौरवांकित किया है। आपके आतिथ्य की गर्मजोशी से दुनिया का प्रत्येक सीईओ आपका कायल हो गया। मुझे इन्वेस्टइंडिया बोर्ड में शामिल होने पर गर्व है।”
गोल मेज बैठक की समाप्ति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया,“ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावोस में विश्व की शीर्ष कंपनियों के सीईओ के साथ गोल मेज बैठक ‘इंडिया मीन्स बिजनेस’ की मेजबानी के दौरान भारत की विकास गाथा और भारत में वैश्विक कारोबार के लिए रोमांचक अवसर प्रस्तुत किए”। बैठक में प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ विदेश सचिव नामित और विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव विजय गोखले तथा विदेश सचिव एस जयशंकर समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। वाणिज्य मंत्रालय से औद्योगिक नीति विभाग के सचिव रमेश अभिषेक मौजूद थे।
आज वार्षिक विश्व आर्थिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के प्रमुख वक्ता तौर पर प्रधानमंत्री के संबोधन से पूर्व गोल मेज बैठक का आयोजन किया गया। श्री मोदी ने स्विस अल्पाइन रिसाॅर्ट में कल पहुंचने के बाद स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बार्सेत से मुलाकात कर द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। श्री मोदी ने भी ट्वीट किया,“दावाेस पहुंचने के बाद स्विस राष्ट्रपति एलेन बार्सेत से बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और इसे और भी गहरा करने के तरीकों पर भी चर्चा की।” सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने टैक्स संबंधी जानकारियों के स्वचालित अदान-प्रदान को लेकर भी चर्चा की। श्री मोदी गत दो दशक के दौरान इस सम्मेलन में भाग लेने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने 1997 में विश्व के शीर्ष व्यवसायियों तथा राष्ट्र प्रमुखों के इस प्रतिष्ठत सम्मेलन में भाग लिया था। वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयुष गोयल, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी श्री मोदी के साथ यहां आए हैं जो विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगें। इस वर्ष सम्मेलन का विषय “विभाजित विश्व में साझा भविष्य का निर्माण” है।

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