पर्ल एकेडमी ने आईएफएफटीआई एक्जीक्यूटिव काउंसिल मीटिंग की मेजबानी की

नई दिल्ली। पर्ल एकेडमी ने आज नई दिल्ली में अपने राजौरी गार्डन परिसर में इंटरनेशनल फाउंडेशन आॅफ फैशन टेक्नोलाॅजी इंस्टीट्यूट (आईएफएफटीआई) की एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्यों की मेजबानी की। पर्ल एकेडमी एकमात्र ऐसा भारतीय संस्थान है जो आईएफएफटीआई की एक्जीक्यूटिव काउंसिल में शामिल है। यह दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि पर्ल एकेडमी भारत में अपने रचनात्मक प्रभाव के 25 शानदार वर्ष का उत्सव मना रही है और हर साल उद्योग के लिहाज से तैयार पेशेवरों को बनाने की अपनी छवि को बनाए रखा है। पर्ल अपने छात्रों और शिक्षकों को एक्सचेंज प्रोग्राम में हिस्सा लेकर वैष्विक पहुंच हासिल हो सके और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग कर यह कार्यक्रम पूरा किया जा रहा है। इस आयोजन में ’’25 इयर्स आॅफ क्रिएटिव इम्पैक्ट बाय पर्ल एकेडमी’’ का नया लोगो भी जारी किया गया।’’
आईएफएफटीआई के कुछ प्रमुख सदस्यों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया जिनमें प्रोफेसर राॅबिन हेली, प्रमुख, आरएफआईटी स्कूल आॅफ फैशन एंड टेक्सटाइल, मेलबर्न, डाॅ. डीरड्रे सातो, डीन, एफआईटी, न्यू याॅर्क; प्रोफेसर काॅलिन रेनफ्रू, निदेषक, मैनचेस्टर मेट्रोपाॅलिटन यूनिवर्सिटी, यूके; प्रोफेसर जून ली, डाॅक्टरल प्रोफेसर, डोनघुआ यूनिवर्सिटी शामिल थे।
इस मौके पर नंदिता अब्राहम, सीईओ, पर्ल एकेडमी ने कहा कि हम अपने दिल्ली परिसर में आईएफएफटीआई के एक्जीक्यूटिव काउंसिल की मेजबानी करते हुए बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। आईएफएफटीआई डिजाइन, प्रौद्योगिकी और कारोबार के क्षेत्र के अग्रणी षिक्षा संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे प्रतिश्ठित अंतरराश्ट्रीय संगठन के तौर पर उभरा है। हमारे छात्रों को अंतरराश्ट्रीय षिक्षाविदों का सामना करने का अवसर मुहैया कराने के लिए ऐसे जुड़ाव आवष्यक हैं। अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के माहौल में ऐसे संवाद ही हैं जो हमें अन्य षैक्षणिक संस्थानों से अलग करते हैं और हमारे छात्रों को वास्तविक दुनिया के लिए उनकी कुषलता को धार देने और उद्योग के लिहाज से तैयार होने में मदद करता है।’’
इस कार्यक्रम में ’’व्हाट्स नेक्स्टः एजुकेषन फाॅर टुमाॅरो’’ नामक एक विषेश पुस्तक को भी लाॅन्च किया गया। यह पुस्तक विभिन्न कार्यषालाओं की श्रृंखला के अंतर्गत किए गए काम का संकलन जहां प्रतिश्ठित स्कूलों के प्रमुख शिक्षाविदों और उद्योग साझेदारों ने मिलकर छात्रों को भविष्य के लिहाज से तैयार करने के बारे में चर्चा की। इस पुस्तक में एक विषेश प्रष्न पर चर्चा की गई हैः क्या हम एक ऐसा पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए आपस में सहयोग कर सकते हैं जो प्रत्येक छात्र की संभावना पर गौर कर सके? इसके पीछे मंषा छात्रों को अनजान चीजों में ले जाकर सीखने के तरीकों की पुरानी पद्धतियों और क्लासरुम निर्देषों को खत्म करना है। सबसे महत्वपूर्ण है कि अगर हम अपना दिमाग खोलें हम भविष्य के नेतृत्व तैयार कर रहे हैं जो समुदायों को मजबूत बनाएंगे।

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