रिटेल में मौजूदगी को और बढाने की योजना बना रही है जीएनसी

नई दिल्ली। स्वास्थ्य, कल्याण और पौष्टिक-औषधीय पदार्थों (न्यूट्रास्युटिकल) के रिटेलर के रूप में वैश्विक विशेषज्ञता प्राप्त पिट्सबर्ग, अमेरिका में मुख्यालय वाली अग्रणी कंपनी जीएनसी (जनरल न्यूट्रीशन सेंटर) भारत में अपनी उपस्थिति को गार्डियन हेल्थकेयर के साथ सहयोग से मजबूती दे रही है। गार्डियन हेल्थ केयर, भारत में जीएनएसी उत्पादों की आधिकारिक आयातक और विक्रेता है। वैश्विक रूप से जीएनसी एक मल्टी-मिलियन ब्रांड है, 50 देशों में इसकी फ्रैंचाइजी संचालित होती है, 9000 स्थानों पर इसकी मौजूदगी है। जीएनसी इंडिया ने आज ‘रुफिलिंगदगैप्स’ नामक एक नए स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया।
जीएनसी ने विभिन्न क्षेत्रों की ख्यातनाम हस्तियों के साथ पैनल डिस्कशन के साथ इस अभियान को लॉन्च किया, इस पैनल में अंडर-19 क्रिकेट सनसनी श्री मनजोत कालरा, अपोलो अस्पताल की प्रमुख आहार विशेषज्ञ श्रीमती अनीता और कार्डोवैस्कुलर सर्जरी में अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मुकेश गोयल सहित जीएनसी इंडिया के सीईओ श्री शादाब खान जैसे व्यक्तित्व शामिल थे।
पैनल ने आधुनिक दौर और उम्र के आधार पर नियमित भोजन के अलावा अतिरिक्त पोषण तत्वों की आवश्यकता के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने आधुनिक दौर में पैदा हो रही उन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी इंगित किया जो कि व्यस्त और नीरस जीवन शैली, पोषण तत्वों की कमी वाली अस्वास्थ्यकर आहार आदतों जैसे कारकों के चलते हो रही हैं। स्थिति तब और खराब हो जाती है जब मिट्टी की खराब गुणवत्ता और लंबे परिवहन के चलते फल और सब्जियों की पोषक तत्व संरचना को काफी नुकसान पहुंचता है। नतीजतन, इनसे हमें वे सभी आवश्यक पोषण तत्व प्राप्त नहीं हो पाते जिनकी हमारे शरीर को जरूरत है। पैनल इन इस बात पर सहमति जताई कि नियमित शारीरिक सक्रियता के साथ-साथ समुचित पोषण पदार्थों से संपन्न संतुलित आहार आज के दौर की जरूरत है।
इस अवसर पर जीएनसी इंडिया के सीईओ श्री शादाब खान ने कहा, ‘आज की भागदौड भरी जिंदगी में भारतीय उपभोक्ताओं के लिए नियमित तौर पर संतुलित आहार लेना बहुत मुश्किल है। इस कारण से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और लोग जरूरी पोषक तत्व नहीं ले पाते। इसीलिए ‘रुफिलिंगदगैप्स’ अभियान की शुरुआत की गई, ताकि लोगों को समुचित पोषण के बारे में शिक्षित और जागरूक किया जा सके और उन्हें इसकी अहमियत बताई जा सके। जीएनसी अपने उत्पादों के माध्यम से उस अंतराल को भरने का भरोसा कायम करता है जो रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों के आहार में पोषण तत्वों की कमी से पैदा होता है। हालांकि, न्यूट्रास्युटिकल की अवधारणा भारत में एक प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन यह देख कर खुशी होती है कि अब लोग पोषण का महत्व समझने लगे हैं और अपने दैनिक आहार में पोषण की कमी को भरने का इरादा रखते हैं। भारतीय न्यूट्रास्युटिकल बाजार के 21 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढने की उम्मीद है और वर्ष 2022 तक इसका बाजार आज के 4 अरब यूएस डॉलर की तुलना में 10 अरब यूएस डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। उपभोक्ताओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने वाले मददगार के रूप में जीएनसी हेल्थ, वैलनेस और परफॉर्मेंस प्रोडक्ट्स के महत्वपूर्ण वर्गीकरण की पेशकश करते हुए करके इस विकास को बढ़ावा देने में हाथ बंटाने के लिए तत्पर है।’
जीएनसी कैम्पेन के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हुए अपोलो अस्पताल की मुख्य आहार विशेषज्ञ सुश्री अनीता जटाना ने कहा, ‘आज के दौर में आमतौर पर एक कामकाजी पेशेवर शख्स की जीवनशैली बहुत व्यस्त होती है, ऐसे में शायद ही कभी वे समय पर और समुचित आहार ले पाते हैं। उनकी जिंदगी फास्ट फूड और रेडिमेड फूड पर निर्भर हो गई है क्योंकि यह आसानी से मिल पाते हैं और सुविधाजनक हैं। इस तरह एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए आवश्यक पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उन्हें नहीं मिल पाते। इसके अलावा, आजकल जो भोजन हम कर रहे हैं, वह पोषण की दृष्टि से संपूर्ण नहीं है। इसलिए एक तनावपूर्ण जीवन शैली, शारीरिक निष्क्रियता, अस्वास्थ्यकर आहार पैटर्न और सबसे महत्वपूर्ण खाद्य में मिलावट का एक संयोजन आखिरकार हमें जटिल रोगों के जाल में फंसा डालता है। ऐसे में, भोजन में पोषण तत्वों के संभावित अंतराल को पहचानना और एक स्वस्थ जीवन का नेतृत्व करने के लिए आहार में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों व पूरक तत्वों के संयोजन को शामिल करना आज के दौर की जरूरत बन गई है। शारीरिक सक्रियता के साथ-साथ संतुलित आहार पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।’
कैम्पेन की लॉन्चिंग पर टिप्पणी करते हुए अपोलो अस्पताल में हृदय शल्य चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मुकेश गोयल ने कहा, ‘मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा आदि आधुनिक जीवन शैली के रोग हैं जो कि शारीरिक निष्क्रियता और अस्वास्थ्यकर आहार का परिणाम हैं। हार्ट अटैक पूरे भारत में एक आम घटना बन गए हैं। इस बात में कोई शक नहीं रह गया है कि हृदय रोगों से पीड़ित युवा रोगियों की संख्या में भी एक उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे में यह बहुत जरूरी हो गया है कि हम अपने आहार पर पर्याप्त ध्यान दें। अतिरिक्त संतृप्त वसा (खराब वसा) और ट्रांस फेट (खराब वसा) रक्त कोलेस्ट्रॉल और दिल के दौरे की दर को बढ़ा रहा है। ऐसे में लोगों को अपने आहार में सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए, खासतौर पर अपनी रोजमर्रा के आहार में ओमेगा को शामिल करें, जो कि हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, वहीं यह कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड्स को विनियमित करता है और इससे हृदय रोग और घातक घटनाओं की आशंका कम होती है। आहार संबंधित धीरज-प्रशिक्षण को अपनाना, शरीर में कोलेस्ट्रॉल के इष्टतम मूल्य को हासिल करना माना जाता है। यह आहार में महत्वपूर्ण पोषण तत्वों जैसे विटामिन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट सहित आहार पूरकों के सही संतुलन को शामिल करने से मिलता है ताकि जीवन स्वस्थ रूप से चलता रहें। अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी समझदारी से खाना और हर समय सक्रिय रहना है।’

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