नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा उत्साह में है. त्रिपुरा में मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा कार्यालय पहुंचे. यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. कार्यालय पहुंचते ही शाह ने अंगवस्त्र देकर पीएम मोदी का स्वागत किया. कार्यालय में मोदी- मोदी के नारे लगे. पीएम मोदी ने कहा, ‘इस देश में पूर्वोत्तर के लोगों को हमेशा लगा कि दिल्ली दूर है. सरकार बनने के बाद पूर्वोत्तर से आये लोगों पर अत्याचार हुए तो केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और बैठकों का दौर शुरू हो गया. पुलिस में भरती के लिए इन्हें प्रोत्साहित किया. पहली बार उन्हें लगा कि सरकार उनकी सुन रही है. दिल्ली उनके दरवाजे के बाहर खड़ी है. सरकार लगातार ध्यान दे रही है.
राजनीतिक पंडित इसका आकलन नहीं करते. देश की आजादी के बाद यहां जितने मंत्री गये होंगे चार साल में हमने भेज दिये. पूर्वोत्तर के लोगों को लगता था हमारी उपेक्षा हो रही है. उसे समझकर दूर किया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने ठान लिया सफल होना है. कार्यकर्ता को घर से निकलते वक्त कहना पड़ता था पता नहीं आज लौटूंगा या नहीं. पिछले दो महीने में 2 दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी. अब हमारे पास त्रिपुरा की मिसाल है.
संगठन की शक्ति से सामान्य लोगों ने मिलकर चुनाव लड़ा. कोई बड़ा चेहरा नहीं. कोई हीरो- हिरोईन नहीं, संगठन की शक्ति से यह चुनाव जीता गया. मीडिया में भी इसकी चर्चा है कि ्असल नेता कौन है. मीडिया भी इसे नहीं पहचान पाया है. हमारे त्रिपुरा की सेना में बहुत कम उम्र के लोग हैं. हमारी बाल सेना ने यह काम किया है. ऐसे लड़के है जो लगता है पता नहीं चुनाव लड़ने के काबिल है भी या नहीं. कई लोगों के बर्थ सर्टिफिकेट देखने पड़े.
पीएम मोदी ने कहा जो लोग चुनाव के बाद कोई और मुद्दा ढुढ़ रहे हैं उन्हें इस बात से कोई मुद्दा मिल जाए. मैंने सुना है कि अगर घर बना रहे हैं तो पूर्वोत्तर का बहुत महत्व होता है. आज खुशी इस बात है कि मेरे देश का पूर्वोत्तर हिस्सा आज नेतृत्व करने आगे आया है. इस संगठन की शक्ति के आधार पर जन संपर्क के माध्यम से लोकतंत्र में दायित्व बनता है कि अपनी बात बतायें. बम-बंदूक से इतर उनतक सही बात बताकर जीता जा सकता है. अभी भी इन इलाकों के ्असल नेता की पहचान मीडिया को नहीं है.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, राजनीतिक दलों को विजय को पचाना जितना जरूरी है उतना ही पराजय को भी स्वीकार करना चाहिए. 2014 से देख रहा हूं कुछ दल पराजय को स्वीकार करने का संस्कार खो चुके हैं. मैं लेफ्ट का बयान देख रहा हूं हैरान करने वाला है. इन लोगों के पुराना छोड़ना नया स्वीकारना मुश्किल होता है. हमारे कार्यकर्ताओं ने कितना कुछ सहा. उनका गुस्सा आम लोगों तक पहुंचा और लोकत्रंत में बदल गया. नो वन से वन की यात्रा यानि शुन्य से शिखर तक की यात्रा है. कल देश अनेक रंगों से रंगा था आज सारे रंग केसरिया रंग में रंग गये
पीएम मोदी को मंच पर मौजूद नेताओं ने स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करना शुरू ही किया था कि अजान की आवाज आयी. पीएम मोदी दो मिनट रूक गये. अजान खत्म होने के बाद पीएम मोदी ने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा, हिंसा की राजनीति के कारण हमारे निर्दोष कार्यकर्ताओं कोे मौत के घाट उतार दिया. हमारे कार्यकर्ताओं को खोने की पीड़ा जितनी हमलोगों को थी उतनी ही पीड़ा त्रिपुरा के हर नगारिक को थी. पीएम मोदी ने दो मिनट का मौन रखकर उन कार्यकर्ताओं को श्रद्धाजंलि दी.