आदिवासियों के अधिकार पर हो रहा हमला : झामुमो

 

नई दिल्ली। झामुमो सांसद और विधायकों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की़ पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन के नेतृत्व में नेताओं ने एसटी-एससी अत्याचार निरोधक कानून में कोर्ट के फैसले के बाद संशोधन और राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून – 2013 में सोशल इंपैक्ट को लेकर प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ अपनी बातें रखी़ं झामुमो ने इन दोनों ही मामले में श्री कोविंद को ज्ञापन सौंप कर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया़ पार्टी नेताओं का कहना था कि आदिवासी और दलित आज नाजुक मोड़ पर है़ं इनके अधिकारों पर हमले हो रहे है़ं
झामुमो ने कहा कि एसटी-एससी अत्याचार निरोधक अधिनियम- 1989 के संदर्भ में न्यायिक दिशा-निर्देश से दलित व आदिवासी समुदायों में असुरक्षा और आक्रोश है. दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान देश ने आक्रोश देखा. रांची की सड़कों पर आदिवासी- दलित की बेटियों को बर्बर तरीके से पीटा गया़ झामुमो नेताओं ने राष्ट्रपति को बताया कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी-मूलवासी के सामाजिक-आर्थिक परिवेश, परंपरा और आधारों को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है़ आदिवासी-मूलवासी की जमीन हड़पने और पूंजीपतियों को देने के लिए भूमि-अधिग्रहण कानून में संशोधन का प्रस्ताव राज्य सरकार ने विधानसभा में संख्या बल के आधार पर जबरन पास करा लिया़
संशोधन में भूमि अधिग्रहण में रैयतों की सहमति की अनिवार्यता और सामाजिक अंकेक्षण के प्रावधान को समाप्त करने की बात कही गयी है़ संशोधन के तहत कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण का भी प्रावधान किया गया है और न्यायिक समीक्षा से परे रखा गया है़ आदिवासी समुदाय को संवैधानिक अधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र चल रहा है़ झामुमो नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बताया कि केंद्र सरकार के कृषि विभाग ने इस संशोधन को अपनी आपत्ति के साथ राज्य सरकार को लौटा दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने दुबारा इस विधेयक को केंद्र सरकार के पास भेजा है़
संशोधन विधेयक लागू हो गया, तो झारखंड के आदिवासी-मूलवासी का सामाजिक और आर्थिक आधार हिल जायेगा़ आदिवासी बेसहारा हो जायेंगे़ बड़ी संख्या में युवाओं का पलायन बढ़ेगा़ झामुमो नेताओं ने कहा कि देश का वंचित वर्ग आज राष्ट्रपति की ओर आशा भरी निगाह से देख रहा है़ राज्य सरकार बेहद चिंतनीय हालात पैदा कर रही है और वंचित समाज वर्ग के समक्ष चुनौतियां है़ं
प्रतिनिधिमंडल में कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, झामुमो सांसद विजय हांसदा, विधायक प्रो स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, साइमन मरांडी, जोबा मांझी, जगन्नाथ महतो, रवींद्र नाथ महतो, जयप्रकाश भाई पटेल, पूर्व सांसद संजीव कुमार, पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो, पूर्व विधायक अमित महतो और पार्टी महासचिव विनोद पांडेय शामिल थे.

 

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