उन्नाव को लेकर कितना संजीदा है सरकार

उन्नाव बलात्कार मामले के मुख्य आरोपित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने बताया कि यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है. कुलदीप सिंह सेंगर पर आईपीसी के अलावा पॉक्सो एक्ट की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. खबरों के मुताबिक भाजपा विधायक सेंगर को अब कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया गया था. राज्य सरकार ने उन्नाव के जिला अस्पताल के दो वरिष्ठ डॉक्टरों को भी निलंबित कर दिया है. वहीं, उसने जेल विभाग के तीन डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही है. इन डॉक्टरों पर काम में लापरवाही और पीड़िता के पिता के इलाज में अनदेखी करने के आरोप हैं. इसके अलावा डीएसपी रैंक के एक अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है. अधिकारी पर आरोप था कि पीड़िता और उसके परिवार के बार-बार शिकायत करने के बाद भी उसने कार्रवाई नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी कुलदीप सिंह सेंगर को झटका दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की अपील पर सुनवाई करने की हामी भर दी थी. कोर्ट में अगले हफ्ते इस पर सुनवाई होगी. वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पर सुनवाई के निर्देश दिए थे.
उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और रेप के मामले में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर को पीड़िता के पिता से मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने पांचों आरोपियों को जेल भेज दिया। दरअसल, विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़ित युवती ने आरोप लगाया कि विधायक ने अपने साथियों के साथ मिलकर रेप किया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अतुल सिंह सेंगर उन्नाव जिले में होने वाले हर दबंगई के कामों में शामिल हैं। टेम्पो स्टैंड से लेकर सेंगर बस सर्विस भी उनके नाम पर संचालित की जाती है। लोगों ने यह भी बताया कि टेम्पो स्टैंड के ठेके हों या फिर खनन के ठेके, यह सारा कामकाज भी अतुल ही देखते हैं जबकि कुलदीप सिंह सेंगर के एक और भाई मनोज सिंह सेंगर होटेल्स का कामकाज देखते हैं।
एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर आनंद कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पीड़िता ने अपनी शिकायत में विधायक के अलावा भी कई लोगों का नाम लिया है। इस मामले में SIT का गठन कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ’11 जून 2017 को दर्ज FIR में विधायक का नाम नहीं था, लेकिन 22 अगस्त 2017 को विधायक का नाम सामने आया था। इस मामले की भी जांच की जाएगी कि FIR के मामले में उन्नाव पुलिस की रिपोर्ट सही थी या नहीं।’ आंनद कुमार ने कहा कि SIT की जांच लखनऊ जोन के एडीजी के सुपरविजन में होगी। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में भी जो भी शामिल है या जिनका नाम FIR में है, उन सबसे पूछताछ की जाएगी। इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह से भी पूछताछ होगी।’ आनंद कुमार ने कहा कि विधायक के गिरफ्तार भाई पर लगे आरोपों की भी पूरी जांच होगी। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में किसी को क्लीनचिट नहीं दी गई है और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।’
मूल रूप से फतेहपुर जिले के रहने वाले बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की माखी गांव में तूती बोलती है. वे उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों से चार बार से लगातार विधायक बने हैं. उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र के सराय थोक पर उनका ननिहाल है. वह यहीं आकर बस गए. कुलदीप सेंगर ने यूथ कांग्रेस से राजनीति की शुरूआत की और 2002 में भगवंतनगर से बीएसपी के टिकट पर विधायक बने. इसके बाद 2007 और 2012 में सपा के टिकट पर चुने गए. इसके बाद 2017 में बांगरमऊ से बीजेपी के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे.

सेंगर के बारे में कहा जाता है कि वे यूपी की सियासत की हवा का रुख भांप लेते हैं. 1996 के चुनावों में 10 हजार वोटों से हारी हुई उन्नाव सदर की सीट से मायावती ने कुलदीप को उम्मीदवार बना दिया. इस चुनाव में कुलदीप ने कांग्रेस के प्रत्याशी शिव पाल को करीब चार हजार वोट से मात दे दी. इसके बाद से ही कुलदीप की छवि बाहुबली की बननी शुरू हो गई थी. इसके बाद 2007 में सपा के साथ हो लिए. सपा के टिकट पर वे 2012 में भी चुनाव जीत गए. लेकिन सपा का माहौल खराब हुआ तो 2017 में बीजेपी का झंडा पकड़ विधायक बन गए.

सेंगर को निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भईया का बेहद करीबी माना जाता है. ये दलबदलू नेता के नाम से भी चर्चित हैं. कुलदीप की पत्नी संगीता सेंगर से लेकर भाईयों तक, सभी में किसी न किसी पद पर रहने का जुनून रहा है. कुलदीप की पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया गया, भाई मनोज सेंगर ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं. खुद लोकसभा के लिए अपनी पिच तैयार कर रहे हैं। कुलदीप के तीसरे भाई अतुल सिंह राजनीतिक साम्राज्य का कामकाज संभालते हैं.

कुलदीप सिंग सेंगर पर अवैध खनन और अवैध तरीके से टोल लगाकर वसूली करने का भी आरोप लग चूका है. उन्नाव में एक चैनल के रिपोर्टर ने आरोपी विधायक के खिलाफ अवैध खनन की खबर दिखा जिस पर रिपोर्टर के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज कराये गए. इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि उन्नाव का कोई भी ठेका बिना कुलदीप सेंगर की मर्जी के किसी को नहीं मिल सकता है. साइकिल के ठेके से लेकर अवैध होटल चलाने और ऑटो स्टैंड से लेकर गाड़ियों से अवैध वसूली तक के कारोबार में विधायक का परिवार शामिल है. ठेके कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर उर्फ जगदीप चलाते हैं. जबकि होटल का कारोबार उनके भाई मनोज सेंगर के पास है. चौदह साल पहले उन्नाव में किसी बात को लेकर विधायक पक्ष से एक पत्रकार की कहा-सुनी हो गई थी. इसे रोकने के लिए जब पुलिस पहुंची तो विधायक के भाई अतुल सेंगर ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें डिप्टी एसपी को पेट में गोली लग गई थी.

 

 

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