कैलाश सत्यार्थी की पुस्तकें प्रभात प्रकाशन से


नई दिल्ली। प्रभात प्रकाशन ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की कुछ पुस्तकें प्रकाशित की है। प्रभात प्रकाशन के प्रभात जी से बातचीत में एक दिन सत्यार्थी जी ने उनके पिता श्याम सुंदर जी से मिलने की इच्छा जाहिर की। शुरू में तो प्रभात जी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि कैलाश जी वाकई उनके यहां आएंगे। राष्ट्रवादी साहित्य के प्रचार-प्रसार में प्रभात प्रकाशन के संस्थापक श्याम सुंदर जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। देश के आजाद होने के कुछ समय बाद 1952 में उन्होंने प्रभात प्रकाशन की स्थापना की और साहित्य को घर-घर तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
यह अतिशयोक्ति नहीं कि स्वतंत्रता के बाद की एक पूरी पीढ़ी आजादी और भारतीय इतिहास के नायकों को प्रभात प्रकाशन की पुस्तकों के माध्यम से ही जान पाई। इन 66 सालों में प्रभात प्रकाशन ने राष्ट्रवादी साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने में महती भूमिका निभाई है। श्याम सुंदर जी के इस योगदान को नमन करने सत्यार्थी जी, पत्नी सुमेधा कैलाश के साथ उनसे मिलने प्रभात प्रकाशन गए। इतना ही नहीं उन्होंने 90 वर्षीय श्याम सुंदर जी के चरण भी छूए। कहा जाता है कि महान कोई तभी बनता है, जब उसमें महानता का गुण होता है। जब कैलाश जी ने श्याम सुंदर जी के पैर छूए, तो वे अवाक रह गए। दुनिया का सर्वोच्च पुरस्कार और सम्मान हासिल करने वाला व्यक्ति उनके सम्मान में विनम्रतापूर्क नतमस्तक था। कैलाश सत्यार्थी की विनम्रता, सरलता, सहज स्वभाव और आम लोगों के प्रति सम्मान की भावना ही उन्हें महान बनाती है।

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