बलात्कार और यौन अपराधों को रोकेगी डिग्निटी मार्च

नई दिल्ली। एक सामूहिक प्रयास है डिग्निटी मार्च, जो देशभर के बच्चों और महिलाओं पर होने वाले यौन अपराध को समाप्त करने की पहल है। इस डिग्निटी मार्च की ऐतिहासिक यात्रा दिल्ली के रामलीला मैदान में संपन्न हो गई। इस यात्रा में पिछले पैंसठ दिनों में भारत के कोने-कोने से गुजरते हुए 10,000 किमी. की दूरी तय की गई। साथ ही डिग्निटी मार्च ने आज नेशनल नेटवर्क ऑफ सरवाइवर्स को लाॅन्च करने की घोषणा की। बता दें कि डिग्निटी मार्च में हजारों की संख्या में ब्लात्कार और यौन हिंसा से बच निकलने वालों की सामूहिक पदयात्रा है और नेशनल नेटवर्क ऑफ सरवाइवर्स, भारत के 25 राज्यों और 250 जिलों के 25,000 सरवाइवर्स व उनके परिवार के सदस्यों को मोबिलाइज एवं ओरिएंट करने का पहला अखिल-भारतीय नेटवर्क है। समापन समारोह में नेशनल नेटवर्क ऑफ सरवाइवर्स के लाॅन्च का समर्थन दिया शांता सिन्हा (पूर्व चेयरपर्सन), नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्सय, निष्ठा सत्यम, कंट्री रिप्रेजेंटेटिव, यूएन वुमेन, इंडियाय डॉ. पीएम नायर, आईपीस (सेवानिवृत्त), पूर्व पुलिस महानिदेशकय सुश्री वृंदा ग्रोवर, अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालयय सुश्री डगमार वाल्टर, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठनय प्रो. (डॉ.) जी. एस. बाजपेयी, रजिस्ट्रार, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, ऋचा चड्ढा व चित्रांगदा सिंह (बॉलीवुड एक्ट्रेस) और स्वाती चक्रवर्ती भटकल (निदेशक, सत्यमेव जयते टीवी शा)े ने। इसके अलावा बच्चों और महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ खड़ा होने के लिए पुलिस अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं एक्सपर्ट्स को उनके असाधारण कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया। राष्ट्रीय गरिमा अभियान, डिग्निटी मार्च के समन्वयक, आशिफ शेख ने कहा कि जब हमने डिग्निटी मार्च शुरू किया, तो हमारा उद्देश्य बच्चों और महिलाओं को बिना किसी शर्म के यौन हिंसा से जुड़े अपने अनुभवों के बारे में बताने के लिए प्रोत्साहित करना और पीड़ितों को शर्मिंदा करने वाली व्यापक संस्कृति को रोकना था। हमें बताते हुए खुशी हो रही है कि इस राष्ट्रव्यापी यात्रा ने हजारों सरवाइवर्स को डिग्निटी मार्च के जरिए न्याय की लड़ाई हेतु एकजुट किया है। समाज के सभी वर्गों से डिग्निटी मार्च को प्राप्त समर्थन ने हमें नेशनल नेटवर्क ऑफ सरवाइवर्स बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जो यौन हिंसा के सभी सरवाइवर्स के लिए सपोर्ट सिस्टम के रूप में काम करेगा। मार्च के जरिए प्राप्त जानकारी एवं प्रतिक्रिया से हमें उन मुख्य सुझावों को तैयार करने में मदद मिली है जिससे भविष्य में हमारी महिलाओं व बच्चों के लिए देश को सुरक्षित बनाने में सहायता मिलेगा।

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