नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। आप और हम जीते जरूर हैं। लेकिन जीना एक मजबूरी है शायद। उस जीने के क्रम में अपनों को जीना, उन्हें महसूस करना ही भूल जाते हैं। हर समय की भागदौड़। पैसा कमाने की होड़। बस, यह भागदौड़ क्यों ? इसका जवाब दिमाग तो देता है, पर मन नहीं। इस सवाल का जवाब खोजा है गोदरेज इंटीरियो के सर्वेक्षण ने। इस सर्वे के नतीजों के अनुसार 61 प्रतिशत भारतीय अपने जूनून को पूरा नहीं कर पाते। यही वजह है कि गोदरेज इंटीरियो ने #मेक स्पेस फाॅर लाइफ अभियान को प्रारंभ किया। टीवी अभिनेत्री दिव्यांका त्रिपाठी दहिया ने इसका उद्घाटन किया। बता दें कि 14 शहरों ( चंडीगढ़, मुंबई, जयपुर, पटना, कोईम्ब्तूर, पुणे, लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, कानपुर) के 1300 लोगों को इस सर्वे में शामिल किया गया था।
बता दें कि गोदरेज इंटीरियोे के सर्वे के अनुसार 61 प्रतिशत लोगों के पास अपने जूनून पूरे कर पाने के लिए समय नहीं है। उनमें से कई लोग मानते हैं कि वे पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से अपने पसंदीदा कामों के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। वहीं 40 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे पैसों की तंगी की वजह से अपने पसंद के काम नहीं कर पाते। इसके साथ ही 56.7 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का कहना है कि उनके जीवन में काम और जीवन के बीच संतुलन बिगड़ गया है और 68.2 प्रतिशत लोग कहते हैं वे अपने हिसाब से जिंदगी जी नहीं सकते, जब कि, 56.5 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे अपने व्यवसाय, नौकरी की वजह से पसंदीदा काम के लिए समय निकाल नहीं पाते। हैरान करने वाली बात यह है कि 72 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उनके जीवनसाथी उनसे ज्यादा स्मार्ट डिवाइसेस की और ध्यान देते हैं।