सैमसंग कही रही है बहरे और दृष्टिहीन लोगों के जीवन को उज्‍ज्वल

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। सैमसंग ने दो अनूठे समाधान -गुड वाइब्‍स और रेलूमिनो- को पेश किया है, जो उन लोगों को एक मजबूत संचार टूल उपलब्‍ध कराएगा जो बधिर (बहरे) हैं और कम दृष्टि वालों को बेहतर दृश्‍य अनुभव के लिए सक्षम बनाएगा। भारत में विकसित गुड वाइब्‍स बधिरों को अपने देखभाल करने वालों और प्रियजनों के साथ अपने स्‍मार्टफोन का उपयोग करते हुए टू-वे संचार में सक्षम बनाता है।

गुड वाइब्‍स एप वाइब्रेशन को टेक्‍स्‍ट में और टेक्‍स्‍ट को वाइब्रेशन में बदलने के लिए मोर्स कोड का उपयोग करता है। एप में दो विभिन्‍न यूजर इंटरफेस (यूआई) हैं। पहले इंटरफेस में बधिरों के लिए एक इनविजीबल यूआई है, जो वाइब्रेशन, टैप्‍स और इशारों का उपयोग करता है, जबकि दूसरे इंटरफेस में एक विजीबल यूआई है, जो देखभाल करने वालों के लिए एक स्‍टैंडर्ड चैट इंटरफेस है।

बधिर इंटरफेस के साथ, बधिर व्‍यक्ति अपने संदेश को भेजने के लिए डॉट्स और डैशेज के संयोजन का उपयोग करते हैं। स्‍टैंडर्ड इंटरफेस बधिर लोगों को संदेश भेजने के लिए यूजर्स को टाइप या आवाज का उपयोग करने की अनुमति देता है। टेक्‍स्‍ट या वॉयस को मोर्स कोड में एक वाइब्रेशन के रूप में प्राप्‍त किया जाता है, जिसकी बधिर आसानी से व्‍याख्‍या कर सकता है। गुड वाइब्‍स एप को सैमसंग गैलेक्‍सी स्‍टोर से डाउनलोड किया जा सकता है और अन्‍य सभी एंड्रॉयड स्‍मार्टफोन यूजर्स के लिए इसे जल्‍द ही गूगल प्‍ले स्‍टोर पर उपलब्‍ध कराया जाएगा।

 

रेलूमिनो, जिसे कंपनी के वैश्विक सी-लैब कार्यक्रम के हिस्‍से के रूप में सैमसंग कर्मचारियों द्वारा विकसित किया गया है, कम दृष्टि वाले लोगों के लिए एक दृष्टि सहायक एप्‍लीकेशन है। यह तस्‍वीरों को बड़ा और छोटा कर, तस्‍वीर की आउटलाइन को हाईलाइट कर, कलर कन्‍ट्रास्‍ट और ब्राइटनेस को एडजस्‍ट कर और कलर को रिवर्सिंग करने के जरिये उन्‍हें तस्‍वीरों को साफ तरीके से देखने में सक्षम बनाता है। रेलूमिनो के बारे में और अधिक जानकारी के लिए https://www.samsungrelumino.com पर लॉग ऑन करें।

 

 

सैमसंग इंडियया के कॉरपोरेट उपाध्‍यक्ष, पीटर री ने कहा, “सैमसंग सकारात्‍मक बदलाव लाने, पूरी दुनिया में लोगों की जरूरतों को पूरा करने और उन्‍हें अधिक विकल्‍प, स्‍वतंत्रा और अधिक संभावनाओं के साथ बेहतर जीवन जीने में मदद के लिए अपने इन्‍नोवेशन और ग्‍लोबल नेटवर्क दोनों का इस्‍तेमाल करता है। हमें खुशी है कि हम गुड वाइब्‍स और रिलूमिनो जैसी टेक्‍नोलॉजी को विकसित करने में सफल हुए हैं, जो बधिर एवं कम दृष्टि वाले लोगों के जीवन की गुणवत्‍ता को सुधारने, उन्‍हें दुनिया के बारे में अधिक जागरूक बनाने और समाज के साथ बेहतर ढंग से एकीकृत करने में मदद करेगी।”

सेंस इंडिया के एडवोकेसी और नेटवर्क्‍स प्रमुख पराग नामदेव ने कहा, “गुड वाइब्‍स एक ऐसा प्‍लेटफॉर्म बनाने जा रहा है, जहां हमारा समाज स्‍मार्टफोन का उपयोग कर बधिरों के साथ बातचीत करने में सक्षम होगा। सैमसंग का भरोसा ‘करो वह जो आप नहीं कर सकते’ में है और वह यही काम कर रही है। हमें यह देखकर खुशी है कि सैमसंग समाज की मदद करने के लिए अर्थपूर्ण समाधान के निर्माण में अपनी टेक्‍नोलॉजी का भरपूर लाभ उठा रही है। सेंस इंडिया में, हम बधिरों के साथ व्‍यापाक प्रशिक्षण के जरिये उनकी बेहतरी और विकास के लिए काम कर रहे हैं। गुड वाइब्‍स उन्‍हें अपने आसपास बड़ी संख्‍या में लोगों से जुड़ने में मदद करेगा, जो वो ऐसा करने में अभी तक असमर्थ थे।”

गुड वाइब्‍स का प्रशिक्षण लेने वाले बधिर छात्र वकार शेख की मां नरगिस शेख ने कहा, “यह एप मेरे बेटे वकार के लिए उपयोगी है और अब वह इसका स्‍वतंत्रापूर्वक इस्‍तेमाल कर रहा है। वकार का सपना एक शिक्षक बनना है और यह एप उसे किसी अन्‍य व्‍यक्ति (उसके छात्रों) के साथ बातचीत करने और समझने में मदद कर सकता है, जो उसे दैनिक जीवन और सीखने में सहायता करेगा।” कुछ प्रशिक्षण सत्रों में ही वकार गुड वाइब्‍स एप पर मोर्स कोड का उपयोग करते हुए पूरा वाक्‍य लिखने और समझने में समर्थ बन गया है।

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