कैसे आए नौसैनिक भी कोरोना की चपेट में ?

नई दिल्ली। मुंबई में भारतीय नौसेना के कम से कम 26 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। भारतीय सशस्त्र बलों में इस बीमारी का यह पहला बड़ा मामला है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी संक्रमित नाविक साजोसामान और सहयोग शाखा आईएनएस आंग्रे में सेवारत हैं और उनका एक नौसैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक सूत्र ने बताया, ‘‘संक्रमित नाविकों की संख्या 26 है।’’ नौसेना ने संक्रमित नाविकों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है।

दुनियाभर की कई नौसेनाएं कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जूझ रही हैं। विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट में सवार एक नाविक ने विषाणु के 500 मामलों की जानकारी दी। फ्रांसीसी नौसेना भी इस महामारी की चपेट में आई है।

सूत्रों ने बताया कि संक्रमितों में से 25 नाविक आईएनएस आंग्रे परिसर के भीतर ऐसी आवासीय इमारत में रह रहे थे जिनमें एक कमरे की आवासीय इकाइयां रिपीट एक कमरे की आवासीय इकाइयां हैं जबकि एक नाविक अपने घर में अपनी मां के साथ रहता है। सूत्रों ने बताया कि नाविक की मां भी संक्रमित पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना आवासीय परिसर में रह रहे सभी लोगों की विषाणु के लिए जांच कर रही है उसे ‘‘नियंत्रित क्षेत्र’’ घोषित कर दिया गया है जबकि उच्च आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के अनुसार आईएनएस आंग्रे को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

एक बयान में नौसेना ने कहा कि 25 रिपीट 25 कर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। इसमें कहा गया है, ‘‘इनमें से ज्यादातर में लक्षण नहीं देखे गए और उस नाविक के जरिए इनका पता चला जो सात अप्रैल को संक्रमित पाया गया था। ये सभी आईएनएस आंग्रे के एक ही रिहायशी ब्लॉक में रहते हैं।’’ सूत्रों ने बताया कि नौसेना मुख्यालय समेत रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मामले पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना ने अपनी सभी शाखाओं को कोविड-19 से कर्मियों की रक्षा के लिए अत्यधिक एहतियात बरतने का आदेश दिया है। यह पहला मामला है जब इतनी अधिक संख्या में सैन्य कर्मियों का कोविड-19 के लिए इलाज चल रहा है। भारतीय थलसेना में अभी तक इस जानलेवा विषाणु के आठ मामले सामने आए हैं।

पिछले हफ्ते नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने एक वीडियो संदेश में अपने कर्मियों से कहा था कि जहाज और पनडुब्बी समेत अहम संचालनात्मक संपत्तियों को संक्रमण मुक्त रखना चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘‘कोरोना वायरस वैश्विक महामारी अप्रत्याशित है और यह पहले कभी नहीं हुई। इसका भारत समेत दुनियाभर में काफी असर पड़ा है।’’ उन्होंने कहा था कि इस बीमारी से उत्पन्न खतरा वास्तविक, निकट और अप्रत्याशित है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *