सोनिया की मीडिया के विज्ञापन रोकने की सलाह के विरोध में पत्रकार संगठन

नई दिल्ली। पत्रकारों के राष्ट्रीय संघों ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी इस सलाह पर असंतोष जताया है जिसमें उन्होंने कोविड-19 से लड़ने के लिए पर्याप्त फंड बचाने हेतु मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। प्रेस एसोसिएशन, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन, नेशनल यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट्स और वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि अगर ऐसा
किया गया तो इस महत्वपूर्ण घड़ी में मीडिया की भूमिका को कमतर आंकना होगा। श्रीमति गांधी की तरफ से ऐसी सलाह दी जानी बहुत ही आघातपूर्ण है।
इस बयान में मीडिया संगठनों ने इस सलाह को पूरी तरह से अदूरदर्शी और तर्कहीन बताया है। इनका कहना है कि इस महामारी की वजह से मीडिया इंडस्ट्री विशेषकर प्रिंट मीडिया पर अर्थिक दबाव काफी आ गया है और इसके चलते अनेक समाचार पत्रों ने अपना प्रकाशन बंद कर दिया है। इस बयान पर प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष जयशंकर गुप्त और महासचिव सी के नायक, इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष के श्रीनिवास रेड्डी और महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू, नेशनल यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के अध्यक्ष रास बिहारी और महासचिव प्रसन्ना मोहंती, वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एन सिन्हा और महासचिव संदीप शंकर ने हस्ताक्षर किए हैं। बयान में कहा गया है कि इस संकट की वजह से देश में अनेक पत्रकार अपनी नौकरियां गंवा बैठे हैं। इस घड़ी में मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापन रोकने से इस इंडस्ट्री पूरी तरह से खत्म हो जाएगी, जिसकी इस समय कोविड-19 से लड़ने के लिए बहुत जरूरत है। मीडिया संगठनों ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में फेक न्यूज बहुत बढ़ गई है और लोग वास्तविक, सही और जिम्मेदार समाचार चाहते हैं। इस स्थिति के लिए मुख्यधारा का मीडिया ही उचित जवाब है। इस कारण यह मांग बनती है कि देश हित में मीडिया इंडस्ट्री की मदद की जाए और उसे समर्थन दिया जाए बजाए इसके कि उसे दिए जाने वाले विज्ञापन रोके जाएं। वास्तव में छोटे समाचार पत्रों को तो सरकार की तरफ से विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *