सीएम नहीं सेवक बनकर आया हूं: अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली। पहले किसानों को हरसंभव सहायता प्रदान करवाया। आज सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री स्वयं दिल्ली के सिंघु बाॅर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच गए। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपनी पूरी कैबिनेट के साथ सिंघु बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने पहुंचे। किसानों के साथ खड़े होकर अरविन्द केजरीवाल ने कहा , ‘किसानों का मुद्दा और संघर्ष जायज है। हम किसानों के संघर्ष में शुरू से ही साथ रहे हैं।

अरविन्द केजरीवाल ने कहा , दिन-रात मेहनत कर हमारे लिए अन्न उगाने वाले किसान भाई आज अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में हम सबका फ़र्ज़ बनता है कि हम उनका साथ दें और उनकी सेवा करें। आंदोलन स्थल पर जाकर रसोई और मेडिकल जैसी अन्य व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। किसान भाइयों को किसी चीज़ की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम शुरू से किसान आंदोलन के साथ खड़े है। मैं किसानों की माग से सहमत हूं और मुझे लगता है सभी मांग जायज है। सरकार को उनकी बात माननी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मैं आज यहां मुख्यमंत्री बनकर नहीं आया, मैं यहां उनका सेवादार बनकर आया हूं। मैंने यहां की व्यस्था भी देखी है। कुछ पानी की दिक्कत है, उससे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसान आंदोलन शुरू हुआ तो मुझे 9 स्टेडियम को जेल बनाने के लिए कहा गया। मगर हमने नहीं माना। मुझे कई फोन आए, बहुत दबाव भी था। मगर मैंने अपने जमीर की सुनी। मुझे लगता है उस फैसले के कारण किसान आंदोलन को मजबूती मिली है। केंद्र का प्लान था कि किसानों को जेल में डालने की। मगर मंजूरी नहीं मिलने से आंदोलन मजबूत हुआ है। केंद्र सरकार चाहती थी कि किसानों दिल्ली आएं और उन्हें जेल में डाल दें।” उन्होंने कहा “तब से AAP के सभी विधायक, कार्यकर्ता सेवादार बन कर किसानों की सेवा कर रहे है। मैं खुद भी सेवादार बन कर यहाँ आया हूँ।”

 

 

 

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