8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है। इसके लिए किसान संगठनों ने आवाज लगाई, लेकिन अब कांग्रेस सहित दर्जन भर राजनीतिक दलों ने इसको समर्थन किया है। किसान नेताओं ने कहा कि बंद के दौरान एंबुलेंस और शादी वाले वाहनों को नहीं रोका जाएगा। हालांकि, दूध, सब्जी और दूसरे रसद वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज सुबह दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे। केजरीवाल के साथ उनकी पूरी कैबिनेट भी थी। यहां वह दिल्ली सरकार द्वारा किसानों के लिए किए गए इंतजामों का जायजा लेने पहुंचे थे। इस तरह किसानों का आंदोलन चलने के दौरान सिंघु बॉर्डर पहुंचने वाले केजरीवाल पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। हालांकि, केजरीवाल सिंघु बॉर्डर जरूर पहुंचे लेकिन वह मुख्य मंच तक नहीं जा पाए। इसकी वजह है किसानों का राजनेताओं से दूर रहना। किसान नहीं चाहते कि उनके इस आंदोलन को किसी नेता या पार्टी से जोड़ा जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पार्टी की ओर से किसानों के भारत बंद का समर्थन करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उस दिन जिला और प्रदेश पार्टी कार्यालयों पर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) से लेकर तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, सपा, टीआरएस, आरएलडी, डीएमके और वामदलों, माकपा व भाकपा ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।
दूसरी ओर, किसान आंदोलन को लेकर राकांपा प्रमुख शरद पवार 9 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। राकांपा के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति को देश के हालात से अवगत कराएंगे। राकांपा सूत्रों ने कहा कि पवार माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा तथा द्रमुक सांसद टीआर बालू के साथ दिल्ली जाएंगे। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के प्रदर्शन को गंभीरता से ले।
किसानों को उनकी मांगों पर सोमवार को सरकार की तरफ से ड्राफ्ट का इंतजार है। किसान नेताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगें ड्राफ्ट में मान ली जाती हैं, तो संभव है कि 9 दिसंबर की बैठक की जरूरत ही ना पड़े। इसके साथ ही किसानों ने 8 दिसंबर के भारत बंद के अपने ऐलान को लेकर दोहराया कि बंद पूरा दिन रहेगा, चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक होगा।