गुरुग्राम। कोरोना महामारी ने देश की स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव बढ़ा दिया है। रोगियों को सबसे अच्छी देखभाल की पेशकश करते हुए अस्पताल व्यापक और महत्वपूर्ण टेस्टिंग और टीककारण अभियान को भी मैनेज कर रहे हैं। दूसरी ओर वायरस के संपर्क में आने के डर से लोग अस्पतालों में टेस्टिंग या टीके लगवाने से घबरा रहे हैं।
इस पृष्ठभूमि में भारत में ऑटोमेटेड स्मार्ट पार्किंग सॉल्युशन देने वाले भारत की अग्रणी कंपनी पार्क+ देशभर के राज्य स्वास्थ्य सेवा विभागों को शॉपिंग मॉल के अंदर पार्किंग लॉट में टीकाकरण अभियान संचालित करने में मदद कर रही है। इस तरह का पहला ड्राइव-थ्रू टीकाकरण शिविर शुक्रवार, 14 मई को गुड़गांव के डीएलएफ सिटी सेंटर मॉल में होगा। इस ड्राइव का आयोजन 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों के लिए किया जा रहा है जिन्होंने कोवीशील्ड की पहली खुराक ली है। रजिस्ट्रेशन मौके पर ही किया जाएगा। जिन लोगों ने पहली खुराक नहीं ली है और जिनकी उम्र 45 वर्ष से कम है, वे टीकाकरण के लिए पात्र नहीं होंगे। इससे सुविधा और सुरक्षा में वृद्धि होगी क्योंकि वाहन से बाहर निकले बिना टीकाकरण किया जा सकेगा। पार्क+ मॉडल को परफेक्ट बना रहा है और जल्द ही वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर इस सविधा का विस्तार शहर के 10 स्थानों पर करेगा।
इनॉर्बिट मॉल्स समेत देशभर के प्रमुख मॉल्स के साथ उसकी बातचीत चल रही है और इसने वाशी के इनॉर्बिट मॉल में संपर्करहित ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन सेंटर की स्थापना की है। पार्क+ की योजना स्थानीय अधिकारियों और मॉल्स की मदद से 15 शहरों और रोज 2 लाख लोगों को टीका लगाने की है। इस प्लेटफॉर्म ने पहले ही शहर में कई पार्किंग स्थलों पर अपने संपर्करहित पार्किंग सॉल्युशन लगाए हैं, वैक्सीन के उपलब्ध होने पर सेफ और सिक्योर पॉप-अप सेंटर लगाएगा।
इस पहल पर पार्क+ के संस्थापक अमित लखोटिया ने कहा, “हम शहर के कोविड-19 टीकाकरण प्रयासों में योगदान देने में सम्मानित महसूस कर रहे हैं। पार्किंग स्थलों के भीतर उचित ज़ोनिंग के साथ हम गुरुग्राम के लिए पूरी तरह से निर्बाध टीकाकरण अभियान की योजना बना रहे हैं। लोग अपनी कार की सुरक्षा में बैठकर टीका लगने की बारी का इंतजार कर सकेंगे। ”
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा, “यह पहल शहर में इस समय की बड़ी जरूरत है, जहां परीक्षण और टीकाकरण बड़ी तेज गति और पैमाने पर हो रहा है। इस तरह के समाधान व्यक्तियों को अपने वाहन की सुरक्षा से टीकाकरण और टेस्टिंग में मदद करेंगे, जबकि अस्पताल के भवनों में भीड़ और बोझ को काफी कम करेंगे।”