लखनऊ, 30 जुलाई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के शिक्षा तंत्र को और अधिक प्रभावी, व्यावहारिक और तकनीकी बनाने की दिशा में ‘लर्निंग बाई डूइंग’ (Learning by Doing) कार्यक्रम की शुरुआत कर रही है। इसका उद्देश्य विज्ञान और गणित शिक्षकों को प्रयोगधर्मी और तकनीकी दक्षता से संपन्न बनाना है, जिससे बच्चों को कक्षा में ज्ञान का वास्तविक, रोचक और तार्किक अनुभव मिल सके।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को यूनिसेफ और स्टार फोरम–विज्ञान आश्रम का तकनीकी सहयोग प्राप्त है। यह प्रशिक्षण 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर 18 मार्च 2026 तक विभिन्न चरणों में आयोजित किया जाएगा। इसमें राज्यभर के चार श्रेणियों के प्रतिभागी प्रशिक्षित किए जाएंगे।
आधुनिक पद्धतियों से लैस होंगे शिक्षक
समग्र शिक्षा अभियान और पीएम श्री योजना के अंतर्गत चयनित विद्यालयों के विज्ञान एवं गणित शिक्षक, तकनीकी अनुदेशक, डायट प्रवक्ता (मास्टर ट्रेनर) और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) की शिक्षिकाओं को इस कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक और अनुभवात्मक शिक्षण पद्धतियों की जानकारी देना है, जिससे वे बच्चों को सीखने योग्य और प्रभावी वातावरण प्रदान कर सकें।
बेसिक शिक्षा मंत्री श्री संदीप सिंह ने कहा:
‘लर्निंग बाई डूइंग’ कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने जा रहा है। यह पहल न केवल शिक्षकों को सक्षम बनाएगी, बल्कि छात्र-छात्राओं को प्रयोग आधारित, तार्किक और जीवन उपयोगी ज्ञान प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ‘शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में परिवर्तन’ के लक्ष्य की ओर एक ठोस और सराहनीय पहल कर रही है।”
प्रशिक्षण की प्रमुख श्रेणियाँ और लक्ष्य
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डायट से चयनित 76 मास्टर ट्रेनर्स को 3 एवं 4 दिवसीय TOT प्रशिक्षण
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2274 चयनित विद्यालयों के 2074 शिक्षक/अनुदेशक को 2 दिवसीय प्रशिक्षण
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3288 नवीन विद्यालयों (केजीबीवी समेत) के लगभग 1888 शिक्षकों को 3 दिवसीय प्रशिक्षण
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जिला समन्वयकों (सामुदायिक सहभागिता) को भी प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा
प्रशिक्षण कार्यक्रम की तिथियाँ
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01–03 अगस्त 2025: मास्टर ट्रेनर्स का 3 दिवसीय टीओटी
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05–08 अगस्त 2025: मास्टर ट्रेनर्स का 4 दिवसीय प्रशिक्षण
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11–14 अगस्त और 18–21 अगस्त 2025: 2274 विद्यालयों के शिक्षकों का 2 दिवसीय प्रशिक्षण
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22 अगस्त – 18 अक्टूबर 2025 और 3 नवम्बर – 14 फरवरी 2026: चरणबद्ध जिलावार प्रशिक्षण
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16 फरवरी – 18 मार्च 2026: 3288 नवीन विद्यालयों के शिक्षकों का 3 दिवसीय प्रशिक्षण
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षक क्षमता निर्माण का सशक्त माध्यम है, बल्कि यह शिक्षण प्रक्रिया को विद्यार्थी-केंद्रित, अनुभवाधारित और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में एक गंभीर और व्यावहारिक प्रयास है। आने वाले समय में इसका सकारात्मक असर कक्षा शिक्षण की गुणवत्ता और छात्रों के अधिगम परिणामों पर देखने को मिलेगा।