गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व इस साल 29 अगस्त से शुरू होकर 7 सितंबर को गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होगा। जानें गणेश चतुर्थी का महत्व, पूजा विधि, पौराणिक कथा और मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा का इतिहास व दर्शन व्यवस्था।

गणेश चतुर्थी 2025 कब है?
इस वर्ष गणेश चतुर्थी 29 अगस्त 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन 7 सितंबर 2025, रविवार (अनंत चतुर्दशी) को गणेश विसर्जन के साथ होगा। यह पर्व विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता भगवान गणेश के जन्मोत्सव का प्रतीक है।
लालबागचा राजा 2025 की खासियत
मुंबई में गणेश चतुर्थी का सबसे बड़ा आकर्षण लालबागचा राजा होता है। इसे “नवसाचा गणपति” यानी मनोकामना पूरी करने वाले गणेश के रूप में जाना जाता है। हर साल यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचते हैं।
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इस वर्ष लालबागचा राजा की प्रतिमा की स्थापना 29 अगस्त को होगी और विसर्जन 7 सितंबर को किया जाएगा।
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यहाँ दो तरह की दर्शन व्यवस्थाएँ होती हैं –
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नवसाचा दर्शन : भक्त अपनी मनोकामनाएँ व्यक्त करते हैं।
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मुखदर्शन : सामान्य दर्शन के लिए कतार।
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प्रतिमा को हर साल भव्य सजावट और नए स्वरूप में स्थापित किया जाता है।
गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने स्नान करते समय अपने उबटन से गणेश जी की रचना की थी। जब भगवान शिव ने उन्हें रोकने वाले गणेश का सिर काट दिया, तो बाद में हाथी का सिर लगाकर उन्हें पुनर्जीवित किया और प्रथम पूज्य देवता का दर्जा दिया।
गणेश पूजा विधि
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घर या पंडाल में गणपति प्रतिमा की स्थापना
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प्राण प्रतिष्ठा मंत्र और आरती
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मोदक, लड्डू, दूर्वा घास और पुष्प अर्पण
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प्रतिदिन सुबह-शाम भजन, कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम
देश-विदेश में गणेशोत्सव
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महाराष्ट्र : मुंबई और पुणे में विशाल पंडाल और शोभायात्राएँ
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दक्षिण भारत : विशेष पूजा और घर-घर गणपति स्थापना
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उत्तर भारत : दिल्ली, लखनऊ और पटना में भव्य आयोजन
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विदेशों में : अमेरिका, मॉरीशस और यूके में भारतीय समुदाय द्वारा धूमधाम से आयोजन
गणेश विसर्जन
त्योहार के अंतिम दिन गणेश प्रतिमाओं का जल में विसर्जन किया जाता है। इस दौरान भक्त “गणपति बप्पा मोरया, पुडच्या वर्षी लौकर या” के जयकारे लगाते हैं और बप्पा को विदाई दी जाती है।
पर्यावरणीय पहल
हाल के वर्षों में इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का प्रचलन बढ़ा है। प्राकृतिक मिट्टी और रंगों से बनी प्रतिमाएँ नदियों और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाती हैं।
गणेश चतुर्थी 2025 न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है बल्कि यह सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है। खासकर मुंबई का लालबागचा राजा इस पर्व की भव्यता और आस्था का सबसे बड़ा प्रतीक है।