एनडीए बैठक में सेना के शौर्य को सलाम, आतंकवाद पर सख्त नीति का ऐलान

 

संसद में एनडीए की बैठक: सेना के शौर्य को सलामी, पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल की बैठक में भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को सलाम करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया।

इस प्रस्ताव में ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के दौरान भारतीय सेना द्वारा दिखाए गए “अद्वितीय साहस और अटूट समर्पण” की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। खास तौर पर, इस प्रस्ताव में पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

आतंकवाद पर सख्त नीति का ऐलान

प्रस्ताव में प्रधानमंत्री मोदी की “नई परिपाटी” (New Normal) को रेखांकित करते हुए कहा गया कि:

  • भारत पर किसी भी आतंकी हमले का सटीक और करारा जवाब दिया जाएगा।
  • आतंकवाद की जड़ें जहाँ भी होंगी, वहाँ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • भारत अब किसी भी तरह की परमाणु ब्लैकमेलिंग को सहन नहीं करेगा।
  • जो देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं और उसके मास्टरमाइंड हैं, उन दोनों में कोई फर्क नहीं किया जाएगा।

पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना

बैठक में पीएम मोदी के “अद्वितीय नेतृत्व” को भी सराहा गया। सांसदों ने उनके “दृढ़ संकल्प, दूरदर्शी नेतृत्व और निर्णायक सोच” की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पूरे देश में एकता और गौरव की भावना को मजबूत किया है।

ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि

ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में चलाया गया था। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। पीएम मोदी ने बिहार के मधुबनी में इस हमले का बदला लेने की कसम खाई थी, जिसे पूरा करने के लिए यह सैन्य कार्रवाई की गई।

वैश्विक कूटनीति में भारत की पहल

प्रस्ताव में यह भी बताया गया कि ऑपरेशन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 59 सांसदों को 32 देशों में भेजा गया, ताकि भारत की आतंकवाद-विरोधी नीति और पीड़ित देश के रूप में उसका पक्ष वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखा जा सके।

यह पहल, जिसमें विपक्षी दलों के सांसदों ने भी भाग लिया, भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता और प्रधानमंत्री की समावेशी सोच को दर्शाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *