उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में सी पी राधाकृष्णन की जीत से बीजेपी ने दक्षिण भारत व ओबीसी राजनीति पर मजबूत संदेश दिया। पढ़ें पूरी खबर।

उपराष्ट्रपति चुनाव आम तौर पर अधिक चर्चा का विषय नहीं बनते, लेकिन इस बार मुकाबला खास रहा। सत्ता पक्ष के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। आखिरकार, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और तमिलनाडु से आने वाले सी पी राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुधर्शन रेड्डी को हराकर बाज़ी मार ली।
चुनाव परिणाम आते ही एनडीए खेमे में जश्न का माहौल छा गया। राधाकृष्णन, जो नामांकन भरने के बाद से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर ठहरे हुए थे, उनकी जीत ने बीजेपी को राहत दी और पार्टी को यह संदेश देने का मौका भी कि वह राजनीतिक समीकरणों पर पैनी नज़र बनाए हुए है।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद बड़ा संदेश
सिर्फ छह हफ्ते पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए, लेकिन असल वजहों पर अब भी सवाल बने हुए हैं। इस पृष्ठभूमि में राधाकृष्णन की जीत बीजेपी के लिए एक सियासी राहत और प्रतीकात्मक जीत कही जा रही है।
ओबीसी कार्ड और दक्षिण भारत पर नजर
राधाकृष्णन पश्चिमी तमिलनाडु की गौंडर ओबीसी बिरादरी से आते हैं। देश की राजनीति में ओबीसी समुदाय का बढ़ता प्रभाव और कांग्रेस सहित विपक्ष द्वारा जातिगत जनगणना की मांग को देखते हुए, बीजेपी का यह कदम रणनीतिक माना जा रहा है। अब देश के तीन सर्वोच्च पदों पर – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (आदिवासी), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ओबीसी) और उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन (ओबीसी, दक्षिण भारत से) – ऐसी सामाजिक पृष्ठभूमि के नेता हैं, जिनका प्रतीकात्मक महत्व बड़ा है।
चुनावी गणित और विपक्ष की उम्मीदों पर पानी
चुनाव प्रचार बेहद सादा रहा। विपक्षी उम्मीदवार सुधर्शन रेड्डी ने सांसदों से “अंतरात्मा की आवाज़” सुनने की अपील की, जबकि राधाकृष्णन ने राष्ट्रीयता का मुद्दा उठाया। नतीजा पहले से तय माना जा रहा था, लेकिन अटकलें थीं कि बीजेपी खेमे से क्रॉस वोटिंग हो सकती है। हालांकि, हुआ उल्टा।
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राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता वोट मिले।
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रेड्डी को 300 वोट।
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15 वोट अवैध घोषित हुए।
यह परिणाम विपक्ष के दावों और क्रॉस-वोटिंग की अटकलों को पूरी तरह खारिज करता है।
नेताओं की बधाई
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राधाकृष्णन का अनुभव और नेतृत्व कौशल भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत करेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी सादगी, ईमानदारी और सेवा भावना की सराहना की।
पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी शुभकामनाएं दीं। पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी उन्हें बधाई देते हुए सफल कार्यकाल की कामना की।