शेर से शेर ही भिड़ रहा है…

नई दिल्ली। पिछले करीब डेढ़ महीने से चल रहे आईपीएल-11 का सफर अब प्लेऑफ के दौर में पहुंच गया है. मंगलवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में क्वालीफायर-1 का मुकाबला खेला जाएगा. इसमें दो बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स का मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद से होना है. इस मैच को जीतने वाली टीम सीधे फाइनल में जगह बनाएगी. हालांकि, इस मुकाबले में हारने वाली टीम के लिए भी फाइनल में पहुंचने की उम्मीद बरकरार रहेगी. उसे 25 मई को क्वालीफायर-2 के जरिये फाइनल में पहुंचने का एक और मौका मिलेगा. चेन्नई और हैदराबाद दोनों ही क्वालीफायर-2 का मुकाबला खेलने से बचना चाहेंगी और आज का मुकाबला जीतकर सीधे फाइनल में पहुंचने की कोशिश करेंगी. आइए जानते हैं इन दोनों टीमों के मजबूत और कमजोर पक्षों के बारे में जो आज के मुकाबले में नतीजा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.
इस आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद एक ऐसी टीम थी जिसने अपने प्रदर्शन से कई बार हैरान किया. हैरानी दो वजहों से थी इस टूर्नामेंट में यह इकलौती ऐसी टीम है जिसने लगातार छह मैच जीते हैं. साथ ही इनमें से पांच मैच उसने अपनी गेंदबाजी के दम पर जीते. इनमें से कुछ मैच तो ऐसे थे जिनमें उसकी हार निश्चित मानी जा रही थी लेकिन, गेंदबाजों ने पासा पलट दिया. इस टूर्नामेंट में सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाज औसतन हर 25 रन के बाद एक विकेट झटकने में कामयाब हुए हैं. यह इकलौती ऐसी टीम भी है जिसके गेंदबाजों ने 8.19 के सबसे कम इकॉनमी से रन दिए हैं. कुल मिलाकर कहें तो गेंदबाजी हैदराबाद की सबसे बड़ी ताकत है. लेकिन, हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन के लिए चिंता की बात यह है कि पिछले चार मैचों में उनके गेंदबाज अपने रंग में नहीं दिखे हैं. 10 मई को दिल्ली के खिलाफ हुए मैच में रिषभ पंत ने हैदराबाद के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी और इसके बाद से गेंदबाज अपनी रौ में नहीं लौट पाए हैं. यही वजह है कि यह टीम अपने पिछले तीन मैच हार गई.
बल्लेबाजी की बात करें तो इस मोर्चे पर सनराइजर्स अपने कप्तान केन विलियमसन पर बहुत ज्यादा निर्भर है. शानदार फॉर्म में चल रहे विलियमसन 60 से ज्यादा के औसत से अब तक 661 रन बना चुके हैं और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं. विलियमसन के बाद शिखर धवन (437 रन) भी कुछ मैचों से लय में दिख रहे हैं. लेकिन, इन दोनों के अलावा कोई भी बल्लेबाज ऐसा नहीं दिखता जो केवल अपने दम पर सनराइजर्स का सूर्योदय कर सके. हालांकि, मध्यक्रम में मनीष पांडेय, दीपक हुड्डा, युसूफ पठान और सकीबुल हसन सभी में ऐसा करने का माद्दा है लेकिन, टूर्नामेंट में उनकी फॉर्म को देखने के बाद यह कहना मुश्किल है. ऐसे में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ इस बड़े मैच में सनराइजर्स की सबसे बड़ी चुनौती अपने मध्यक्रम को पटरी पर लाना है.
आईपीएल के पिछले दो सीजन में टूर्नामेंट नहीं खेल पाई चेन्नई सुपर किंग्स ने इस बार जबर्दस्त वापसी की. इस सीजन में चेन्नई की ख़ास बात यह है कि उसके बल्लेबाजों ने दर्शकों को दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर दिया. बल्लेबाजों ने उस मोड़ से कई मैच ऐसे जिताए जहां से आमतौर पर हार निश्चित लगने लगती है. इस आईपीएल में सबसे बेहतर बल्लेबाजी क्रम रखने वाली चेन्नई ने औसतन 37.13 रनों के बाद एक विकेट खोया है. साथ ही बल्लेबाजों ने प्रति ओवर औसतन नौ रन से ज्यादा बनाए हैं. इन दोनों ही मामलों में यह टीम सबसे आगे है. आंकड़ों से अलग भी देखें तो चेन्नई की खासियत उसकी बल्लेबाजी में आक्रमकता के साथ निरंतरता का होना और किसी एक बल्लेबाज पर निर्भर न होना है. शेन वाटसन (438 रन), अंबाती रायुडू (586 रन), सुरेश रैना (391 रन), एमएस धोनी (446 रन) के साथ-साथ सैम बिलिंग्स और ड्वेन ब्रावो भी अच्छी फॉर्म हैं और मैच जिताने का माद्दा रखते हैं. यानी देखा जाए तो जहां हैदराबाद की गेंदबाजी उसकी ताकत रही है वही चेन्नई की मजबूती उसकी बल्लेबाजी है.
गेंदबाजी के मोर्चे पर चेन्नई की और से मिलाजुला प्रदर्शन किया गया है. कुछ गेंदबाज अच्छी फॉर्म में हैं तो कुछ ने महेंद्र सिंह धोनी की चिंता बढ़ाई है. खास कर डेथ स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले ड्वेन ब्रावो का अंतिम ओवरों में रन लुटाना धोनी का सबसे बड़ा सिर दर्द बन गया है. हरभजन सिंह और शार्दुल ठाकुर भी अपनी गेंदबाजी से वह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं जिसके लिए इन्हें जाना जाता है. हालांकि, सुखद यह है कि रवींद्र जडेजा पिछले कुछ मैचों से लय में दिख रहे हैं. साथ बीच के मैचों में चोट की वजह से बाहर हुए तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने फिर पहले जैसी फॉर्म के साथ वापसी की है. इसके अलावा पिछले मैच में युवा दक्षिण अफ़्रीकी तेज गेंदबाज लुंगी एनगीडी के प्रदर्शन (10/4) ने कप्तान धोनी को बड़ी राहत दी होगी.
आईपीएल 11 की पॉइंट टेबल में भले ही सनराइजर्स हैदराबाद ने कुछ दशमलव अंकों के साथ चेन्नई को पछाड़ दिया हो लेकिन आंकड़ों और अब तक के प्रदर्शन को देखें तो पलड़ा चेन्नई की ओर ही झुका नजर आता है. इस सीजन में अब तक दोनों का आमना-सामना दो बार हुआ है और दोनों बार चेन्नई ने हैदराबाद को शिकस्त दी है. साथ ही टूर्नामेंट में लगातार छह मैच जीतने के बाद हैदराबाद के विजयी रथ को भी चेन्नई ने ही रोका था. आईपीएल के सभी संस्करणों को मिलाकर भी देखें तो चेन्नई का पलड़ा हैदराबाद पर भारी नजर आता है. दोनों के बीच हुए अब तक कुल आठ मुकाबलों में से छह चेन्नई ने जीते हैं.

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