नहीं रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर

 

पणजी/नई दिल्ली। लंबी बीमारी के बाद रविवार को गोवा के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रीकर का निधन हो गया। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। पिछले दो दिनों से उनके स्‍वास्‍थ्‍य की हालत बहुत खराब हो गई थी। पर्रीकर के निधन पर भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्‍तार अब्‍बास अंसारी, कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी, सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की। एक साल से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे 63 वर्षीय मनोहर पर्रीकर सबसे पहले 14 फरवरी, 2018 को बीमार पड़े थे। इसके बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। अगले दिन उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया। कुछ दिनों तक उनका अमेरिका में इलाज चला।

पिछले साल 15 सितंबर को उन्हें नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद पर्रीकर 14 अक्टूबर को गोवा लौट आए थे। उन्होंने 29 जनवरी को गोवा के बजट सत्र में भाग लेने के साथ ही अगले दिन राज्य का बजट भी पेश किया। सत्र के अंतिम दिन 31 जनवरी को उन्हें दिल्ली के एम्स में ले जाया गया था। वह पांच फरवरी को गोवा लौट आए।

डिप्टी स्पीकर और भाजपा विधायक माइकल लोबो ने कहा कि पर्रीकर के ठीक होने की कोई संभावना नहीं है। पर्रीकर की सेहत बिगड़ने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मिलकर सरकार बनाने का दावा ठोक दिया। इसके बाद से पार्टी राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है। लोबो ने इस बैठक के बाद कहा कि जब तक पर्रीकर हैं, तब तक गोवा में लीडरशिप में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता दयानंद मांद्रेकर ने कहा कि पर्रीकर की हालत लगातार गिर रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को गोवा के लिए जल्द कोई फैसला लेना चाहिए।

पर्रीकर को उनके द्वारा किए गए कार्य और उनकी ईमानदारी के लिए जाना जाता था। एक छोटे से राज्य से अपना राजनीति का सफर शुरू करने वाले पर्रीकर ने अपनी मेहनत के दम पर आज अपना एक नाम बनाया । मनोहर पर्रीकर अंतिम समय तक गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन थे। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद की शपथ 14 मार्च 2017 को ली। इससे पहले भी वह 2000 से 2005 तक और 2012 से 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री के साथ ही वे बिजनेस सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार में रक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया। वे पहले ऐसे भारतीय मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने आई आई टी से स्नातक थे।

मनोहर पर्रीकर का नाता भारत के गोवा राज्य से है और इनका जन्म इस राज्य के मापुसा गांव में साल 1955 में हुआ था। उनके पिता का नाम गोपाल कृष्ण पर्रीकर और माता का नाम राधा बाई पर्रीकर है। वहीं इस राज्य के लोयोला हाई स्कूल से उन्होंने अपनी शिक्षा हासिल की थी। अपनी 12 वीं की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दाखिला लिया था और यहां से उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। वहीं पर्रीकर को हिंदी और अंग्रेजी भाषा के अलावा मराठी भाषा भी बोलनी आती थी।

पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के कुछ समय बाद उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी का नाम मेधा पर्रिकर था और पर्रिकर और मेधा की शादी साल 1981 में हुई थी। पर्रिकर के दो बच्चे हैं। जिनमें से पहले बच्चे का नाम उत्पल पर्रिकर है, जबकी दूसरे लड़के का नाम अभिजीत पर्रिकर है। वहीं पर्रिकर के दोनों बच्चों का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उत्पल बतौर एक इंजीनियर के रूप में कार्य कर रहे हैं, जबकि अभिजीत का खुद का एक व्यापार है।

 

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