नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार विपक्षी सांसदों और जनता के सवालों से डरती है इसलिए वह सदन में चर्चा नहीं कराती है। केवल अपनी बात करना चाहती है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सवालों से डर, सत्य से डर, साहस से डर…जो सरकार डरे, वो अन्याय ही करे।’’
राहुल गांधी ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब राज्यसभा में 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर पिछले चार दिनों से गतिरोध बना हुआ है। राहुल गांधी और कांग्रेसियों के साथ राज्यसभा के निलंबित 12 सदस्यों ने गांधी प्रतिमा के सामने बैठकर गुरुवार की सुबह ठंड में धराना शुरू किया। उन्होंने मांग की जब तक राज्यसभा से निलंबित सदस्यों का निलंबन नहीं रद्द नहीं किया जाता तब तक संसद की कार्रवााई के दौरान पूरे दिन बैठे रहेंगे और इस अत्याचार के खिलाफ धरना जारी रखेंगे। नेताओं ने ‘निलंबन वापस लो’ और ‘मोदी सरकार हाय हाय’ के नारे लगाए।
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
बता दें कि राहुल गांधी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हाथ पर काली पट्टी बांध कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। कांग्रेस ने ऐलान किया कि भाजपाई काले इरादों के खिलाफ संघर्ष हमारा जारी है। जनता की आवाज उठाना कांग्रेस ने अपनी जिम्मेदारी समझा है।