पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को घरेलू सहायिका से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा

कर्नाटक की राजनीति में भूचाल लाने वाले एक बड़े आपराधिक मामले में पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को घरेलू सहायिका से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला बेंगलुरु स्थित जनप्रतिनिधियों के लिए गठित विशेष अदालत ने सुनाया, जो राजनीतिक प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। 

पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को घरेलू सहायिका से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा

कर्नाटक दुष्कर्म मामला: पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते और पूर्व हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना को एक घरेलू सहायिका से दुष्कर्म के मामले में शनिवार को बेंगलुरु की जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। यह सजा 2024 में दर्ज चार दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न मामलों में से एक में दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद सुनाई गई।

अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को दो बार दुष्कर्म, तीन बार यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और सबूत नष्ट करने के आरोप में दोषी ठहराया। अदालत ने आरोपी पर 11.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। पीड़िता रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में काम करने वाली एक घरेलू सहायिका थी।

पूर्व जनता दल (सेक्युलर) नेता प्रज्वल, जो 31 मई 2024 से जेल में हैं, उस समय गिरफ्तार किए गए जब वे जर्मनी से लौटे। जर्मनी भागने से पहले उनके द्वारा दर्ज किए गए महिलाओं के साथ यौन शोषण के आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए थे। ये वीडियो 26 अप्रैल 2024 को हासन लोकसभा सीट पर चुनाव से ठीक पहले लीक हुए थे, जहां वे जेडीएस-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार थे।

कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने फार्महाउस से पीड़िता के कपड़े जब्त किए थे। उन पर पाए गए बालों और शारीरिक तरल पदार्थों की डीएनए जांच में प्रज्वल के नमूनों से मेल पाया गया। SIT ने दिसंबर 2024 में 1,632 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 113 गवाहों के बयान शामिल थे।

पीड़िता को 5 मई को मैसूर के पास एक फार्महाउस से छुड़ाया गया था, जहां उसे कथित तौर पर वीडियो वायरल होने के बाद नजरबंद कर दिया गया था। अदालत में दर्ज बयान में पीड़िता ने बताया कि आरोपी की राजनीतिक शक्ति और अपनी गरीबी के कारण वह कई वर्षों तक चुप रही। लेकिन जब वीडियो सामने आया, तब उसके परिवार ने उसका साथ दिया और शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया।

राज्य के विशेष लोक अभियोजक जगदीश ब्याथा ने अदालत में कहा, “आज आरोपी ने खुद कहा कि जब वह हासन जिले में ‘राज’ कर रहा था, तब किसी ने शिकायत नहीं की। यह बयान उसके अत्याचारों को दर्शाता है। वह जनप्रतिनिधि था, ‘राजा’ नहीं।”

विशेष लोक अभियोजक अशोक नाइक ने कहा कि पीड़िता द्वारा छोड़े गए कपड़े और मोबाइल से मिले वीडियो सबूतों ने मामले को साबित करने में मदद की। अदालत ने यह भी माना कि एक सांसद, जो कानून बनाता है, वह खुद कानून तोड़ रहा है — यह एक गंभीर अपराध है और इसे उदाहरण बनाने के लिए अधिकतम सजा दी गई।

प्रज्वल के पूर्व ड्राइवर कार्तिक एन ने मामले में व्हिसलब्लोअर की भूमिका निभाई थी। उसने अदालत में गवाही दी कि प्रज्वल के फोन में 2,000 से अधिक आपत्तिजनक तस्वीरें और 40-50 यौन शोषण के वीडियो मिले थे।

इस मामले के अलावा प्रज्वल के खिलाफ दो और गंभीर मामले चल रहे हैं — एक जेडीएस जिला पंचायत की पूर्व महिला कार्यकर्ता से बार-बार दुष्कर्म और धमकी देने का मामला, और दूसरा रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में काम करने वाली रसोइया और उसकी बेटी से यौन शोषण का मामला।

प्रज्वल रेवन्ना के परिवार ने इन मामलों को राजनीतिक साजिश बताया है और कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह हासन में रेवन्ना परिवार की राजनीतिक पकड़ को खत्म करने की कोशिश कर रही है। प्रज्वल को 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी से पराजय का सामना करना पड़ा था।

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