हिमाचल में 15 साल की सबसे ज्यादा अगस्त बारिश, भूस्खलन से 3 की मौत; 4 जिलों में रेड अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में इस बार अगस्त महीने ने 15 साल का बारिश रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पूरे राज्य में अब तक सामान्य से 72% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, जिससे भूस्खलन, सड़क अवरोध और जान-माल की हानि जैसी आपदाएँ सामने आ रही हैं। ताज़ा घटनाओं में शिमला जिले में भूस्खलन से 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। मणिमहेश यात्रा को भी खराब मौसम के कारण स्थगित करना पड़ा है। वहीं, पोंग डैम का जलस्तर अपनी अधिकतम क्षमता से ऊपर पहुंच गया है, जिसके चलते प्रशासन ने चार जिलों — ऊना, सिरमौर, बिलासपुर और सोलन में रेड अलर्ट और बाकी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है।

शिमला में भारी बारिश से भूस्खलन, मकान ढहा, जनहानि
शिमला जिले के जुंगा तहसील में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से मकान ढह गया, जिसमें एक व्यक्ति और उसकी बेटी की मौत हो गई।

हिमाचल प्रदेश ने इस बार अगस्त में पिछले 15 वर्षों की सबसे अधिक बारिश दर्ज की है। प्रदेश में अब तक 440 मिमी से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो सामान्य (256.8 मिमी) से 72% अधिक है। 2019 में अगस्त में 322.5 मिमी बारिश हुई थी, लेकिन इस बार 120 मिमी अधिक दर्ज हुई।

लगातार भारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं। मंगलवार रात तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, पोंग डैम का जलस्तर अपनी अधिकतम क्षमता से ऊपर पहुंच गया है। चार जिलों — ऊना, सिरमौर, बिलासपुर और सोलन में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बाकी जिलों में ऑरेंज अलर्ट है।

अलग-अलग जिलों में बारिश का हाल
  • लाहौल-स्पीति : 26% ज्यादा

  • कांगड़ा : 29% ज्यादा

  • चंबा : 104% ज्यादा

  • सोलन : 118% ज्यादा

  • ऊना : 121% ज्यादा

  • शिमला : 126% ज्यादा

  • कुल्लू : 162% ज्यादा (सबसे अधिक)

पिछले हफ्ते ही हिमाचल में सामान्य 42.4 मिमी के मुकाबले 165.6 मिमी बारिश हुई, यानी 291% ज्यादा। इस मानसून सीजन में अब तक 826.8 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य औसत 613.8 मिमी है।

मणिमहेश यात्रा पर संकट

भारी बारिश और भूस्खलन से मणिमहेश यात्रा प्रभावित हुई है। इस बार यात्रा में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। खराब मौसम के चलते राजा का शाही स्नान रद्द करना पड़ा और परंपरागत पूजा 84 स्थानीय मंदिरों में करवाई गई। 6,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया है।

हादसे और जनहानि
  • शिमला जिले के जुंगा तहसील के मोहल जोट गांव में भूस्खलन से एक मकान दब गया। इसमें 35 वर्षीय वीरेंद्र कुमार और उनकी 10 वर्षीय बेटी की मौत हो गई। पत्नी उस समय घर से बाहर होने के कारण बच गई।

  • कोटखाई क्षेत्र के चोल गांव में 65 वर्षीय कलावती मलबे में दब गईं।

  • रोहड़ू उपमंडल में तीन घरों पर खतरा मंडराने के बाद चार परिवारों को सुरक्षित निकाला गया।

सड़क मार्ग ठप
  • कीरतपुर–मनाली नेशनल हाईवे मंडी और औट के बीच कई जगह अवरुद्ध।

  • मंडी–पठानकोट हाईवे लवांडी ब्रिज के पास बंद।

  • संसारी–किल्लर–थिरोट–टांडी रोड (लाहौल-स्पीति) निली ढांक पर चट्टानें गिरने से बंद।
    हजारों यात्री, बसें और ट्रक फंसे हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से गैर-जरूरी यात्रा से बचने की अपील की है।

पोंग डैम का हाल

पोंग डैम का जलस्तर 1,390.52 फीट पहुंच गया है, जो इसकी अधिकतम क्षमता (1,390 फीट) से ऊपर है। डैम से 1,09,920 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें से 92,841 क्यूसेक पानी स्पिलवे से और 17,079 क्यूसेक टरबाइन से निकाला जा रहा है।

⚠️ आईएमडी का पूर्वानुमान – अगले कुछ घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना। रेड अलर्ट वाले जिलों में आपदा प्रबंधन टीमें तैनात कर दी गई हैं।

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