अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा की विशाल तेली एकता रैली 2 जून को तालकटोरा में

ऩई दिल्ली। अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा की विशाल तैली एकता रैली 02 जून को तालकटोरा स्टेडियम नईदिल्ली में आयोजन किया गया है। तैली समाज को पूर्ण अधिकार और भागीदारी मिले इसके लिए कार्ययोजना का प्रारूप तैयार किया जाएगा। इस खास रैली में देश भर के लोग शामिल होंगे जो विभिन्न राज्यों से आएंगें।
इस परिप्रेक्ष्य में तेली समाज के लोग अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक एवं पूर्व मंत्री महाराष्ट्र जयदत्त क्षीरसागर ने कहा है कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 2 जून 2018 को विशाल तेली एकता रैली का आयोजन होगा। जिसमें करीब देश भर के 15 हजार लोग शामिल होंगे। इस रैली के माध्यम से तेली समाज अपनी मांग को हम देश के सामने ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेली समाज की कुल आबादी देश में 14करोड़ से ऊपर है जो राजनैतिक शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टिकोण से काफी पिछड़ी है और अति पिछड़ी जाति की श्रेणी में आती है। अतएव हमारे तेली जाति को पूरे देश में अति पिछड़ी जाति की श्रेणी में रखा जाए जैसा कि बिहार एवं झारखंड प्रदेश में रखा गया है।
जयदत्त क्षीर सागर ने कहा कि देश की आबादी के हिसाब से तेली जाति के लगभग पचास सांसद होने चाहिए, लेकिन मात्र सात सांसद हैं। लेकिन अभी तक किसी को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया गया है। तेली समाज चाहता है कि मंत्रीमंडल में हमारे समाज की सहभागिता होनी चाहिए।
उन्होंने राजनीति में भागीदारी को लेकर अपने मांग प्रस्तुत करते हुए कहा कि तेली जाति को देश की कुल जनसंख्या के अनुपात में पार्टी द्वारा योग्य उम्मीदवारों को संसद, विधायक प्रत्याशी बनाया जाए अन्यथा टिकट नहीं तो वोट नहीं, भागीदारी नहीं तो साझेदारी नहीं के सिद्धांत पर पार्टियों का समर्थन करेंगे। तेली जाति के लोगों का विभिन्न आयोगों, निगमों प्राधिकरणों एवं संगठन में प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है, इसमें भी अनुपातिक भागीदारी सुनिश्चित कराया जाए।
अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा जयदत्त क्षीरसागर ने समाज के युवाओं को छात्रवृत्ति देने के मांग को रखते हुए कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में तेली जाति का कोई सामाजिक भवन नहीं है जिससे समाज का कार्यालय एवं गरीब छात्र/छात्राओं के शिक्षा हेतु छात्रावास तथा धर्मशाला नहीं है जिससे मेधावी छात्र/ छात्राएं कोचिंग एवं परीक्षा की तैयारी का लाभ इत्यादि प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। अतएव कम से कम 1000 वर्ग मीटर जमीन का एक प्लाट डीडीए से आवंटित करा दिया जाए। वर्ष 2011 में राष्ट्रीय स्तर पर जो जातीय गणना हुई थी उसको प्रकाशित कराया जाए, जिससे आनुपातिक भागीदारी सुनिशिचत की जा सके। उन्होंने कहा कि मां कर्मा पूरे भारतवर्ष में साहू/ तेली समाज की आराध्य देवी हैं, उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया जाए। इस खास रैली में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे जिन्होंने अपनी सहमति दे दी है।
गौरतलब है कि आज कई राज्यों में तेली समाज के लोग किसी अन्य समाज के लोग से कई गुणा ज्यादा हैं लेकिन उनको पूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा के अऩुसार पूरे देश में तेली समाज की कुल आबादी लगभग 14 करोड़ से अधिक है, जो विभिन्न उपनामों जैसे साहू, साठौड़,प्रणामी, माथुर, मथुरिया, साव, चेट्टीयार, वाणियार, गनिगा, मोदी, घांची,मोढ़ जाति आदि से जानी जाती है। तेली समाज के लोग अत्यंत गरीब एवं अनुसूचित जाति के समतुल्य माने जाते हैं। देश और राज्यों में विभिन्न पार्टियों की सरकारें भी तेली जाति को उपेक्षित करती आ रही है। फलस्वरूप इस जाति को शासन, सत्ता एवं संगठन में अनुपातिक भागीदारी नहीं मिल पाई है, अतएव तेली जाति की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। अब तेली जाति संगठित हो चुकी है और अपने अधिकारों को प्राप्त करने हेतु तत्पर है।

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