Uttar Pradesh Assembly Election: चुनाव का नतीजा आने से ठीक 2 दिन पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष, अखिलेश यादव ने एक बड़ा आरोप लगाया है, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘ईवीएम धोखाधड़ी, वोट चोरी’ का आरोप लगाया । उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी, “वाराणसी में EVM पकड़े जाने का समाचार उप्र की हर विधानसभा को चौकन्ना रहने का संदेश दे रहा है। मतगणना में धांधली की कोशिश को नाकाम करने के लिए सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशी और समर्थक अपने-अपने कैमरों के साथ तैयार रहें। “
इस पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को जारी एक बयान में अपनी कही बात की याद दिलायी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव नई हवा, नई सपा की बात करते थे तो उन्होंने इसके जवाब में कहा था कि वही हवा है, वही सपा है जिससे जनता खफा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कि उन्होंने यह भी कहा था कि 10 मार्च को अखिलेश कहेंगे ईवीएम बेवफा है। जबकि अखिलेश 8 मार्च से ही ईवीएम को बेवफा साबित करने पर तुल गए हैं और अपनी हार का बहाना ढूँढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा पर आतंकी, दंगाई और गुंडों की पूरी छाप है और जनता समाजवादी पार्टी के चरित्र को पूरी तरह समझ चुकी है और नकार भी चुकी है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भाजपा के पक्ष में अब नया ‘एम वाई’ फैक्टर है। यह नया ‘एम वाई’ मतलब मोदी और योगी है। इन ‘एम वाई’ मतलब मोदी की योजनाएं हैं। यह जनता के दिल में घर कर चुका है जिसका खुलासा 10 मार्च को हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह में मंगलवार को जारी एक बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में यह मजाक प्रचलित था कि 10 मार्च आते आते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हार का कोई बहाना ढूँढ ही लेंगे। इसीलिए वह ईवीएम की सुरक्षा का मुद्दा उठा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। अगर अखिलेश यादव ने अपने सरकार के कार्यकाल में काम किया होता और जनता का विश्वास जीता होता तो उन्हें चुनाव परिणाम के दो दिन पहले ऐसे अनर्गल बयान ना देने पड़ते। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में इतने निष्पक्ष शांतिपूर्ण चुनाव होने के बावजूद अखिलेश फालतू आरोप लगा कर बेवजह जनता को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि चुनाव आयोग पर सीधी टिप्पणी करना उन जैसे वरिष्ठ नेता पर शोभा नहीं देता है। हाँ, यह बात समझी जा सकती है कि सपा की हार सामने देखकर उनके पास ईवीएम का रोना रोने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश के पास अब सिर्फ आत्ममंथन का समय है कि जनता ने उन्हे क्यों नकारा। उन्हें समझना चाहिए कि कोरोना काल में जनता का साथ छोड़ने,गुंडों व माफिया को बढ़ावा देने और अपराधियों को चुनाव में टिकट देने का परिणाम यह है कि विधानसभा चुनाव में जनता ने सपा को पूरी तरह नकार दिया है।