
अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर रुद्रप्रयाग में गरुड़ चट्टी के पास केदारनाथ मंदिर से उड़ान भरने के ठीक बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
उत्तराखंड में केदारनाथ के पास आज एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार एक पायलट समेत सभी सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर रुद्रप्रयाग में गरुड़ चट्टी के पास केदारनाथ मंदिर से उड़ान भरने के ठीक बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
#WATCH | Uttarakhand: Despite the snowfall and bad weather, the operation by NDRF, SDRF and police officials is underway at the site of the helicopter crash in Phata of Kedarnath.
Seven people have died in the chopper crash. pic.twitter.com/j4WA8ClJTR
— ANI (@ANI) October 18, 2022
उन्होंने कहा, “स्थल से छह तीर्थयात्रियों और एक पायलट के शव बरामद किए गए हैं।” प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि खराब मौसम और खराब दृश्यता के कारण दुर्घटना हुई। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ सी रविशंकर ने कहा, “उचित जांच के बाद ही दुर्घटना के सही कारणों का पता चलेगा।”
Anguished by the helicopter crash in Uttarakhand. In this tragic hour, my thoughts are with the bereaved families: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 18, 2022
विमानन नियामक के सूत्रों ने कहा कि हेलीकॉप्टर में आग लगने से पहले तेज आवाज सुनाई दी। सूत्रों ने बताया, “दिल्ली स्थित आर्यन एविएशन से संबंधित एक बेल 407 हेलीकॉप्टर वीटी-आरपीएन केदारनाथ से गुप्तकाशी के रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, संभवत: बादल छाए रहने के कारण।”
घटनास्थल से मिले दृश्यों में धुएं का एक विशाल गुबार दिखाई दे रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और जिला पुलिस दुर्घटनास्थल पर संयुक्त खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं। सैनिकों के साथ फिर से दिवाली मनाएंगे पीएम, केदारनाथ जाएंगे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि वे राज्य सरकार के लगातार संपर्क में हैं। केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम नुकसान की भयावहता का पता लगाने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।