सरकार ने एक बयान में कहा कि ओबीसी (OBC)को आरक्षण प्रदान करने के बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
UP Nikay Chunav : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराने और अन्य पिछड़ा वर्ग को कोई आरक्षण नहीं देने का आदेश देने के कुछ घंटे बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह ओबीसी को आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक आयोग का गठन करेगी। “ट्रिपल टेस्ट” प्रक्रिया का आधार।
सरकार ने एक बयान में कहा कि ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने के बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे। बयान में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी और यदि आवश्यक हुआ तो उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 27, 2022
इससे पहले दिन में न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने एक आदेश में कहा था कि जब तक राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनिवार्य “ट्रिपल टेस्ट/शर्तें” पूरी नहीं कर लेती, तब तक पिछड़ा वर्ग के लिए कोई आरक्षण नहीं नागरिकों की प्रदान की जाएगी।
उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं (पीआईएल) के एक समूह पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार द्वारा नगरपालिकाओं में सीटों के आरक्षण की कवायद सर्वोच्च न्यायालय के जनादेश के “पूर्ण अपमान और अवहेलना” में की जा रही है। सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश राज्य के मामले में।