ऊर्जा मंत्रालय ने भारत में शुरू किया राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी कार्यक्रम

नई दिल्ली। ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, श्री आर. के सिंह ने आज भारत में राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंत्री ने घोषणा की है कि वर्ष 2030 तक 100% ई-मोबिलिटी हासिल करने की भारत सरकार की परिकल्पना के अनुरूप एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) 10,000 और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए निविदा जारी करेगा। नई दिल्ली के श्रम शक्ति भवन स्थित ऊर्जा मंत्रालय में इस घोषणा के दौरान ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री अजय कुमार भल्ला और ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अनिरुद्ध कुमार के साथ ईईएसएल के चेयरमैन श्री राजीव शर्मा और ईईएसएल के प्रबंध निदेशक श्री सौरभ कुमार भी मौजूद थे।
ईईएसएल 10,000 ई-वाहनों की पहली निविदा पिछले साल पूरी कर चुका है। पहली निविदा के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, ईईएसएल का मानना है कि विभिन्न सरकारी विभागों में इसकी मांग और बढ़ेगी। 10,000 ई-वाहनों की नई निविदा इस बढ़ती मांग को पूरा करेगी। इन 20,000 इलेक्ट्रिक कारों के साथ, उम्मीद है कि भारत हर वर्ष 5 करोड़ लीटर ईंधन की बचत करेगा जिससे कार्बन डाय ऑक्साइड उत्सर्जन में सालाना 5.6 लाख टन की कमी होगी।
ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री आर. के सिंह ने कहा, “भारत ने ई-मोबिलिटी योजना के महत्वाकांक्षी पथ पर यात्रा शुरू की है और भारत में ई-मोबिलिटी को संभव बनाने में सरकार नेतृत्वकारी भूमिका निभा रही है। राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी कार्यक्रम देश में स्वच्छ, हरित और भविष्योन्मुख तकनीक के युग का प्रवर्तन करने की दिशा में एक कदम है।” साथ ही उन्होंने कहा, “पिछले साल 10,000 इलेक्ट्रिक कार की सफल निविदा के बाद, केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में ई-वाहनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ईईएसएल 10,000 और इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए कल नई निविदा जारी करेगी। यह दूसरी निविदा इस तथ्य का प्रमाण है कि भारत में ई-मोबिलिटी के लिए विशाल व्यापार क्षमता उपलब्ध है।”
ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री अजय कुमार भल्ला ने कहा, “ऊर्जा दक्षता के व्यापक लक्ष्य को हासिल करने के लिहाज से ई-मोबिलिटी एक अहम पहलू है और भारत सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। आज का यह शुभारंभ हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में एक अहम कदम तो है ही साथ ही यह ज्यादा स्थायी, हरित और स्वच्छ भविष्य की दिशा में एक संकल्प भी है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपना कर न केवल भारत में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ई-वाहनों के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि साथ ही सहायक उद्योगों के बाजार को बढ़ावा देने की एक समग्र योजना को एकाकार करने का भी मौका मिलेगा।”
ईईएसएल के चेयरमैन श्री राजीव शर्मा ने कहा, “ईईएसएल भारत की ऊर्जा दक्षता और हरित प्रयासों के मामले में हमेशा सम्मुख रहा है। हम भारत के बाजार को अभिनव व्यापार मॉडल और आधुनिक तकनीक के जरिए बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें पूरा विश्वास है कि अपने ई-मोबिलिटी कार्यक्रम के पिछले अभूतपूर्व प्रयास की कामयाबी को हम फिर दुहराएंगे। हम भारत में ई-मोबिलिटी के लिए बेहतर बाजार तैयार कर ऊर्जा और ईंधन की ज्यादा बचत को संभव बनाते रहेंगे।”
राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी कार्यक्रम का उद्देश्य है वाहन निर्माता, चार्जिंग की ढांचागत सुविधा देने वाली कंपनियों, गाड़ियों का संचालन करने वाले, सेवा प्रदाता आदि सहित पूरे ई-परिवहन तंत्र को गतिशील बनाया जाए। इलेक्ट्रिक वाहनों की थौक में खरीद कर ईईएसएल पैमाने की अर्थव्यवस्था (इकनॉमी ऑफ स्केल) के जरिए मांग को बढ़ावा देगा। ये इलेक्ट्रिक वाहन मौजूदा पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह ले लेंगे।
ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में हासिल हुई एक और उपलब्धि के बारे में श्री आर. के. सिंह ने कहा, “भारत सरकार के स्ट्रीट लाइट नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी) के तहत ईईएसएल ने देश भर में 50 लाख पारंपरिक स्ट्रीट लाइट को ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइट से बदला है। एलईडी लगाने का यह दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, जिसके तहत 84 हजार किलोमीटर सड़क जगमगा रही हैं। साथ ही इस पर नगर निकायों की ओर से अग्रिम निवेश की कोई जरूरत नहीं पड़ी है। नई लगाई गई लाइट की वजह से गलियॉं ज्यादा रौशन हैं और नागरिक व वाहन चालक ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। इससे प्रति वर्ष 135 करोड़ किलोवॉट ऊर्जा और 742 करोड़ रुपये की बचत हुई है।”
ईईएसएल की ओर से बड़े स्तर पर होने वाली खरीद की वजह से एलईडी स्ट्रीट लाइट का खरीद मूल्य 135 रु./वॉट से घटा कर 70 रु/वॉट हो गया है। इससे एलईडी लाइट सस्ती और सुलभ हो गई। स्ट्रीट लाइट की रेट्रोफिटिंग का कुल एकमुश्त निवेश और ढांचागत सुविधा के विकास पर आने वाले खर्च का 10% ईईएसएल खर्च करता है और नगर निकाय अगले 7 साल के दौरान अपने ऊर्जा बिल और रख-रखाव के खर्च में आई बचत से ईईएसएल का भुगतान करता है। ईईएसएल की खरीद बीआईएस मानकों के अनुरूप होती है और इन पर तकनीकी खामियों के लिए 7 साल की वारंटी होती है। ईईएसएल निविदा के स्तर से ले कर फिल्ड तक पर्याप्त गुणवत्ता जांच करता है। इसका नतीजा यह रहा है कि ईईएसएल ने देश भर में जो 50 लाख एलईडी लाइट लगाई हैं उनमें संपूर्ण तकनीकी खामियां 2% से कम रही हैं। ईईएसएल ने देश भर में सभी स्ट्रीट लाइट का 97% परिचालन काल बनाए रखा है।

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