नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले सोशल ऐक्टिविस्ट अन्ना हजारे ने एक बार फिर से भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। उन्होंने मोदी सरकार पर पिछले साल में कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए आगामी 30 जनवरी से अपने गांव रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। हजारे लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट, 2013 को लागू न करने की वजह से केंद्र सरकार से नाराज हैं।
अन्ना हजारे ने लोकपाल एक्ट को लेकर केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि, लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट 2013 में बना। उसके बाद साल 2014 में मोदी सरकार केंद्र में आई। उन्होंने आगे कहा कि, मोदी सरकार के आने के बाद हमें लगा कि, कुछ होगा, लेकिन इन लोगों ने भी पिछले 5 सालों में कुछ नहीं किया। हजारे बोले, इसलिए मैंने फैसला किया है कि, आने वाली 30 जनवरी से रालेगण सिद्धि में मैं भूख हड़ताल पर जाऊंगा।
इससे पहले अन्ना हजारे ने पीएमओ को लिखे एक पत्र में केंद्र सरकार से अपनी नाराजगी जताई थी। पत्र में उन्होंने लिखा था कि, नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले कहा कि, लोकसभा में विपक्ष में कोई वरिष्ठ नेता ना होने के कारण लोकपाल नियुक्त नहीं किया जा सकता (जो नियुक्त प्रक्रिया का हिस्सा है) और बाद में कहा कि, चयन समिति में कोई प्रतिष्ठित न्यायवादी नहीं है।