नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन मामले में हुई कथित अनियमितता को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में मंगलवार की सुबह वीडियोकॉन समूह के मुंबई और औरंगाबाद में मौजूद दफ्तरों पर छापा मारते हुए उसकी तलाशी ली।
एफआईआर में चंदा कोचर के अलावा उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत समेत अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही न्यूपावर के दफ्तरों को भी खंगाला गया है। न्यूपावर कंपनी पर आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और सुप्रीम पावर का संयुक्त मालिकाना हक है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया, ‘ऐसा आरोप है कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने की नीयत से आपराधिक साजिश रचते हुए कुछ निजी कंपनियों को लोन दिए।’ एफआईआर में एजेंसी ने न्यूपावर, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनैशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी बतौर आरोप शामिल किया है। इन सभी के खिलाफ आपराधिक साजिश और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि 2012 में आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से वीडियोकॉन समूह को मिले 3,250 करोड़ रुपये के लोन के बाद वीडियोकॉन के प्रोमोटर वेणुगोपाल धूत ने कथित रूप से न्यूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया। मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और अज्ञात लोगों के खिलाफ पिछले साल मार्च में प्राथमिक जांच (पीई) दर्ज की थी।
पीई को एफआईआर के पहले का चरण माना जाता है और इस दौरान सबूतों को जमा किया जाता है और पर्याप्त सबूत मिलने के बाद एजेंसी इस पीई को एफआईआर में तब्दील कर देती है।