पूर्व की सरकारों में किसान का भला करने की नहीं थी नीयत : मोदी

गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पूर्व की सरकारों में किसान का भला करने की नीयत नहीं थी लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को हर वह संसाधन देने के लिए प्रयासरत है जिससे वे अपनी आमदनी को दोगुना कर सकें। मोदी ने यहां प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि इसके तहत देश के करोड़ों किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी । उन्होंने कहा, ‘पहले की जो सरकारें थीं, उनमें किसान का भला करने की नीयत नहीं थी । वे छोटी-छोटी चीजों के लिए किसानों को तरसाती थीं । लेकिन हमने किसानों की सुविधा पर काम किया । हमारी सरकार कोशिश कर रही है कि किसानों को हर वो संसाधन दिए जाएं, जिससे वे अपनी आमदनी को दोगुना कर सकें ।’ उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार जितना पैसा किसान के लिए भेजती है, वह पूरा पैसा उसके खाते में पहुंचता है । ‘अब वो दिन गए जब सरकार 100 पैसा भेजती थी, तो बीच में 85 पैसा दलाल और बिचौलिए खा जाते थे ।’

मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को भी फूलप्रूफ बनाया गया है ताकि किसान का अधिकार कोई छीन न सके । उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में जो पैसे किसानों को दिए जाएंगे उनकी पाई-पाई केंद्र में बैठी सरकार की तरफ से दी जाएगी । इनमें राज्य सरकारों को कुछ नहीं करना है । राज्य सरकार को ईमानदारी के साथ किसानों की सूची बनाकर देना है । प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘जो राज्य अपने किसानों की सूची हमें नहीं देंगे, उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि वहां के किसानों की बद्दुआएं आपके राजनीतिक करियर को बर्बाद करके रख देंगी ।’’ उन्होंने कहा कि हमने देश भर की 99 ऐसी परियोजनाएं चुनीं थीं जिनमें से 70 से ज्यादा अब पूरी होने की स्थिति में आ रही हैं । इन परियोजनाओं की वजह से किसानों को लाखों हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा मिल रही है । यह वो काम है, जो किसानों की आने वाली कई पीढ़ियों तक को लाभ देगा ।

मोदी ने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं को पूरा न करके, कर्जमाफी करना आसान रास्ता था । लेकिन कर्जमाफी से सिर्फ ऊपरी स्तर के कुछ किसानों का ही फायदा हो पाता था । वो भी ऐसे किसान, जिन्होंने बैंक से कर्ज लिया है। उन करोड़ों किसानों के बारे में कौन सोचता, जो बैंक के बजाय किसी दूसरे से कर्ज लेते हैं । उन्होंने कहा ‘‘हमारी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य :एमएसपी: पर किसानों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया । रबी और खरीफ की 22 फसलों का समर्थन मूल्य लागत के 50 प्रतिशत से अधिक तय किया गया है । मौसम की मार से किसानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी बनाई गई है ।’’ मोदी ने कहा कि किसानों को उपज का उचित मूल्य मिले, इसके लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं । ई—एनएएम प्लेटफॉर्म से देशभर की सैकड़ों मंडियों को जोड़ने का काम चल रहा है । इससे किसानों को सीधे देश भर की किसी भी मंडी में ऑनलाइन अपनी उपज बेचने का विकल्प मिलेगा ।

 

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