नई दिल्ली / टीम डिजिटल। रक्षाबंधन आ रहा है । हर साल आता है । बहन मायावती भी नये से नया रंग और दल बदलती हैं । हरियाणा में पिछले वर्ष रक्षाबंधन पर फोटो आया दिल्ली से । अभय चौटाला के साथ राखी बांधते हुए । इस बार नया पोष्टर , नया पोज आने वाला है । पहले इनेलो से गठबंधन था । धूम थी । जल्दी ही गठबंधन टूट गया और मायावती ने कहा कि आप एक हो जाओ तो गठबंधन रहेगा नहीं तो टूट जायेगा ।

आखिर वे एक नहीं हुए और गठबंधन की गांठ खुल गयी । अब विधानसभा चुनाव आने वाला है । यूपी में अखिलेश से गठबंधन किया लेकिन चुनाव परिणाम आते ही टूट गया । बुआ बबुआ की जोडी टूट गयी और मोदी सच्चे षाबित हुए । वे रैलियों में कहते थे कि बस चुनाव तक गठबंधन रहेगा । वही हुआ । चुनाव खत्म और गठबंधन टूटा । अब हरियाणा की बारी है । चचा अभय चौटाला को छोड भतीजे दुष्यंत चौटाला से गठबंधन कर लिया । पचास सीटों पर जजपा और चालीस पर बसपा के प्रत्याशी उतारे जायेंगे । कभी एक सीट से ज्यादा बसपा की आई नहीं । मेधावी कीर्ति ही बनी थी । जगजीवन राम की पोती । कभी हजकां के साथ भी गठबंधन किया लेकिन नहीं निभा ।

आखिर वे एक नहीं हुए और गठबंधन की गांठ खुल गयी । अब विधानसभा चुनाव आने वाला है । यूपी में अखिलेश से गठबंधन किया लेकिन चुनाव परिणाम आते ही टूट गया । बुआ बबुआ की जोडी टूट गयी और मोदी सच्चे षाबित हुए । वे रैलियों में कहते थे कि बस चुनाव तक गठबंधन रहेगा । वही हुआ । चुनाव खत्म और गठबंधन टूटा । अब हरियाणा की बारी है । चचा अभय चौटाला को छोड भतीजे दुष्यंत चौटाला से गठबंधन कर लिया । पचास सीटों पर जजपा और चालीस पर बसपा के प्रत्याशी उतारे जायेंगे । कभी एक सीट से ज्यादा बसपा की आई नहीं । मेधावी कीर्ति ही बनी थी । जगजीवन राम की पोती । कभी हजकां के साथ भी गठबंधन किया लेकिन नहीं निभा ।
राजनीति में गठबंधन देर तक नहीं चलता । अवसरवादी कहलाता है । दिल्ली में आप लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को गठबंधन के लिए पुकारती रह गयी लेकिन बात नहीं बनी । हरियामा में लोकसभा चुनाव में जजपा और आप में गठबंधन था । अब क्या तीनों दल एकजुट होंगे ? हरियाणा में यदि गठबंधन देर तक चला तो इनेलो भाजपा के बीच लेकिन इस बार चर्चा है कि कहीं भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और अभय चौटाला के बीच नजदीकियां बढ रही हैं और ये क्या रंग लायेंगी ?