दिल्ली के बाॅर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है और मध्य दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बकाया राशि को लेकर दिल्ली के तीनों महापौर आंदोलन कर रहे हैें। तीनों महापौर दिल्ली नगर निगम के बकाया करीब 13 हजार करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं।आप का कहना है कि आज भारत बंद के चलते गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने ये काम किया है।
इसको लेकर सोमवार को पूरी दिन सियासत चलती रही। पूरी रात धरना जारी रहा। मंगलवार की सुबह जैसे ही दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता अपने साथियों के साथ चाय लेकर पहुंचे, उसके बाद आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में ही नजरबंद कर दिया है। आप की ओर से यहां तक कहा गया कि किसानों के आंदोलन के कारण यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की ओर से करवाई गई है।
इस पर दिल्ली के राजनेताओं ने खूब बयानबाजी की। सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा होती रही। मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रम रद्द किए जाने की भी चर्चा हुई।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में ही नजरबंद कर दिया है। सिंघु बॉर्डर से लौटने के बाद कल से नजरबंद जैसे हालात बना दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सभी बैठकें रद्द हो गई हैं। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि, गृह मंत्रालय के आदेश पर पुलिस ने दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के मुख्य गेट के बाहर धरने पर बैठा दिया है और इसका बहाना बना कर पुलिस ने मुख्यमंत्री के घर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी है। जिससे ना केजरीवाल से कोई मिलने आ सकता है और ना वो कहीं बाहर जा सकते हैं। आप का कहना है कि आज भारत बंद के चलते गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने ये काम किया है।
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने ऐसी किसी घटना से इंकार किया। उत्तरी दिल्ली के डीसीपी अंटो अल्फोंस ने आप के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री के घर के बाहर तैनात पुलिस और बैरिकेडिंग सामान्य रूप से होने वाली सुरक्षा व्यवस्था के तहत किया गया है, ताकि आम आदमी पार्टी और अन्य पार्टियों में कोई झड़प न हो। मुख्यमंत्री को घर में नजरबंद नहीं किया गया है।दिल्ली पुलिस केे स्पेशल सीपी सतीश गोलचा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल को किसी भी रूप में हिरासत में नहीं लिया गया है। आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के सभी आरोप झूठे हैं। लोग किसानों के भारत बंद को शांतिपूर्ण तरीके से समर्थन दे रहे हैं, वह पुलिस से परेशान नहीं हैं। अगर कोई कानून व्यवस्था में खलल डालता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।