इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों कहा पीएम से, टाल दें कुछ दिनों के लिए चुनाव

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के नए स्वरूप ने देश में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। देश में अब तक ओमी क्रोन के 358 मामले आ चुके हैं। इसके अलावा मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में कोरोनावायरस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। विशेषज्ञों की मानें तो जनवरी-फरवरी में कोरोनावायरस के नए मामलों में तेजी देखी जा सकती है। इसी कड़ी में एक बार फिर से आने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने तथा चुनाव को डालने पर विचार करने का आग्रह किया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में इस तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए रैलियों पर रोक लगाएं। संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें। हाईकोर्ट ने पीएम से भी भावनात्मक अपील की है। न्यायमूर्ति ने कहा है कि चुनावी सभाएं और रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।

कोर्ट ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव निकट है जिसके लिए सभी पार्टियां रैलियां, सभाएं आदि करके लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही हैं जहां कोविड प्रोटाकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे। अदालत ने निर्वाचन आयुक्त से इस प्रकार की रैलियों, सभाओं पर तत्काल रोक लगाने और राजनीतिक दलों को चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया। अदालत ने कहा, यदि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी और जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त है।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। देश में ‘ओमीक्रोन’ के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक में महामारी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह चौकस रहें और राज्यों के साथ मिलकर काम करें और जन स्वास्थ्य संबंधी निषेध व प्रबंधन के उपायों के उनके प्रयासों को ‘‘समूची सरकार के रुख’’ के रूप में आगे बढ़ाएं।

 

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