श्रीराम कथा से मिलता है सबकेा पुण्य : पंडित नीरज शर्मा

 

 

फरीदाबाद। सेक्टर 52 दशहरा मैदान में टीम पंडित जी द्वारा आयोजित श्रीराम कथा में पांचवे दिन श्रीराम वनवास का वर्णन किया गया। कथाव्यास पंडित हरिमोहन गोस्वामी जी और पंडित नीरज शर्मा जी ने ने श्रीराम वनवास से जुड़े वे सभी प्रसंग समझाए, जिनमें भगवान श्रीराम ने पिता भक्ति को दर्शाते हुए वनवास को जाकर सामाजिक एवं मर्यादित उदाहरण पेश किया। उन्होंने बताया कि श्रीराम ने वनवास जाकर यह साबित किया कि हमें अपने माता-पिता और अभिभावकों का आज्ञाकारी होना चाहिए। कथावाचकों ने कहा कि नवरात्र में श्रीराम कथा का श्रवण न केवल मोक्ष प्रदान करता है, बल्कि हमें पवित्रा पक्ष में मर्यादित व संयमित रहकर जीवन व्यतीत करने की कला सिखाता है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सभी राष्ट्र भक्तों को राम कथा के माध्यम से कर्तव्य पथ पर लाना भी है।
कथावाचक व विधायक पंडित नीरज शर्मा ने कहा कि मार्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पावन कथा धर्म, अर्थ, मोक्ष प्रदायनी है, साथ ही सनातन धर्म का सार भी है। श्रीराम कथा हमें आनंदमय जीवन जीने की कला सिखलाती है। यहां क्षेत्र के गणमान्य एवं प्रमुख व्यक्ति राम रस सार कथा का आनंद ले रहे हैं। कथावाचक ने भगवान श्रीराम व सीता माता के वनवास के दौरान कुटिया में रहने का उदाहरण देते हुए बताया कि एक महल की अपेक्षा एक कुटिया में जीवन यापन कई गुना शांतिपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि जीवन की मोहमाया के जंजाल से कुटिया में जीवन कई गुना सुंदर होता है जैसे श्रीराम ने अयोध्या के ऐश्वर्य पूर्ण जीवन को त्यागकर वन में वास किया वो भी एक कुटिया में। भगवान के अपराधी को तो क्षमा हो सकती है लेकिन साधु संतों के प्रति किए गए दुर्व्यवहार की कभी क्षमा नहीं मिलती है। दुनिया जितना हमे अच्छा समझती है उतने अच्छे हम होते नहीं है। सूर्पणखा का प्रसंग देते हुए बताया कि जहां पर भक्ति होती है वहां पर वासना का वास नहीं होता है अर्थात भक्ति को ही सर्वोपरी बताया। पंडित नीरज शर्मा ने राजनीति व धन के बारे में बताया कि नीति के बिना कभी राज नहीं चलता है और धर्म के बिना कभी धन नहीं टिकता। इस अवसर पर संगीतमय कथा में महिला पुरुष भक्त मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *