
मन के भाव तरंगित होने और अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम तलाशने की कोई उम्र नहीं होती। एक जानी मानी लेखिका हैं तिश्याश्री जिन्होंने बचपन से ही लिखना शुरू कर दिया था और 19 वर्ष की उम्र में जिनकी पहली पुस्तक प्रकाशित हुई। तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने उन्हें सराहा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पुरष्कृत किया।
तिष्या श्री ने लेखन के साथ-साथ शिक्षा-दीक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने पिता के पेशे से प्रेरित होकर एमबीबीएस में दाखिला लिया और फिलहाल मेडिकल की पढ़ाई करते हुए लेखन के क्षेत्र में अखिल भारतीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल रही हैं।
तिश्याश्री का कहना है कि उसने उस उम्र में रचनात्मक लेखन की शुरुआत की जब वह इसके मायने भी नहीं जानती थी। इसकी प्रेरणा भी उसे अपने पिता से मिली जो स्वयं एक बेहतर लेखक हैं। वह अपने आपको एक्सीडेंटल राइटर मानती है। मेडिकल पेशे में होते हुए उसने अपने लेखन के जुनून को जिंदा रखा और 19 वर्ष की उम्र में अपनी पहली पुस्तक ड्रीम ब्रीजेज सक्सेस को प्रकाशित कराया जिसका लोकार्पण गोवा की तत्कालीन राज्यपाल मृदुला सिन्हा के कर कमलों से गोवा के राजभवन में 1918 में संपन्न हुआ। लेकिन उनकी यात्रा यहीं नही थमी इसके 2021 में उनकी दो किताबें प्रकाशित हुईं। एक उपन्यास यू वेयर माई डिस्टिनी और एक काव्य संग्रह मैं और मेरा मन। इनका लोकार्पण बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बॉलीवुड के जाने-माने गीतकार मनोज मुंतशिर और हास्यकवि शंभू शिखर तथा मंत्रियों व वालीवुड की हस्तियों की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
तिष्या श्री को पता है कि रचनात्मक क्षणों को यदि तत्काल आकार दे दिया जाए तो वह संकलित हो जाते हैं अन्यथा बर्फ में फिसलते पावों की तरह इतनी दूर निकल जाते हैं कि उन्हें पकड़ पाना असंभव हो जाता है। इसीलिए मेडिकल छात्रा तिश्याश्री ने अपने मन के भावों को काव्यात्मक स्वरूप देते हुए उन्हें मैं और मन शीर्षक पुस्तक के रूप में संकलित किया। एक मेडिकल छात्रा की संवेदनशीलता और साहित्यिक अभिरुचि विज्ञान और साहित्य-कला के बीच एक सेतु का निर्माण करती प्रतीत होती है। मैं और मेरा मन शीर्षक से संकलित कविताओं का मूल विषय प्रेम है। प्रेम के लगभग सभी आयाम इसके अंदर शामिल नज़र आते हैं।
तिष्याश्री को कई पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है। भारत के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथों उन्हें अटल मिथला सम्मान से नवाज़ा गया। 2018-19 में बेस्ट डेब्यूट राइटर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एवार्ड काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें नवोदित प्रतिभा अवार्ड के लिए चुना। 2021 में बिहार के उप मुख्यमंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद ने अटल मिथिला सम्मान से नवाजा। इसके अलावा उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडु, गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी विकास वैभव ने सराहना पत्र भेजा।
तिष्याश्री का मानना है कि यदि दुनिया को कोई एक भी व्यक्ति उनके लेखन से अपने जीवन को सही दिशा की ओर ले जाने को प्रेरित हो जाता है तो अपने जीवन और अपने लेखन को सफल मानेंगी। तिष्या की सफलता हमें प्रेरित करने वाला है। हम उसकी आगामी पुस्तकों के प्रकाशन का बेसब्री से इंतजार करते हुए उसके जीवन की भावी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
-शंभु शिखर (हास्य कवि)